नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। बीते कई दशकों से देश से फरार अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को यहां की एक अदालत ने 10 दिनों के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया। उसे 25 अक्टूबर को इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली लाया गया।
जांच एजेंसी ने राजन व अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट का एक मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों द्वारा धोखाधड़ी, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दस्तावेजों की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
इन मामलों के अलावा, राजन पर पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत अलग से मामला दर्ज किया।
सीबीआई सूत्रों ने कहा, “कहा गया है कि छोटा राजन ने कर्नाटक के पते पर फर्जी नाम मोहन कुमार के नाम से भारतीय पासपोर्ट बनाया।”
एजेंसी के सूत्रों ने इस बात की भी पुष्टि की कि राजन 22 सितंबर, 2003 को उसी पासपोर्ट के आधार पर पर्यटन वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया।
सूत्रों ने कहा, “उसके बाद से लेकर अब तक वह विभिन्न वीजा पर 25 अक्टूबर, 2015 तक ऑस्ट्रेलिया में रहा।”
ऑस्ट्रेलिया से 25 अक्टूबर को इंडोनेशिया लौटने के दिन ही बाली में उसे गिरफ्तार किया गया।
सूत्रों ने कहा, “इंटरपोल द्वारा एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के बाद राजन को गिरफ्तार कर लिय गया। इसके बाद उसे सीबीआई-इंटरपोल को भारत ले जाने के लिए सौंप दिया गया।”
उसके बाद छोटा राजन (55) को विशेष विमान से इंडोनेशिया से भारत लाया गया। वह शुक्रवार सुबह लगभग 5.30 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा, जहां से विशेष कमांडो और स्वात दस्ते की निगरानी में उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुख्यालय ले जाया गया।
छोटा राजन 85 से अधिक मामलों मे वांछित है, जिनमें हत्या, आतंकवादी व विघटनकारी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, आतंकवाद निरोधक अधिनियम तथा महाराष्ट्र की संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। मुंबई के अलावा, उसके खिलाफ दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश में मामले दर्ज हैं।
साल 2000 में बैंकॉक में दाऊद के गुर्गो ने छोटा राजन को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वह उन्हें चकमा देकर होटल की पहली मंजिल से कूदकर निकल भागने में कामयाब रहा।
भगोड़े दाऊद का नजदीकी सहयोगी रहे राजन ने साल 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोट के बाद उससे अपना रास्ता अलग कर लिया था।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा राजन के खिलाफ सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने भी राजन के खिलाफ अपने मामलों को सीबीआई को सौंपने की घोषणा कर दी।