वाराणसी (बनारस) में संस्थान की 40 सदस्यीय टीम ने अस्सी घाट, तुलसी घाट, राजमहल घाट, मदनी घाट और जैन-पम्पा घाट में साफ-सफाई की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने राज्य के स्वच्छता अग्रदूतों के इस रचनात्मक योगदान की तारीफ करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
चाम्पा सेवा संस्थान के युवाओं ने बताया कि उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष के पूरे 365 दिन संपूर्ण स्वच्छता अभियान चलाने का संकल्प लिया है। अब तक उनके अभियान के 305 दिन पूरे हो गए हैं। यह अभियान दो नवंबर, 2014 को शुरू किया था। अभियान के तहत संस्था ने वर्ष में 365 दिन कहीं न कहीं स्वच्छता अभियान के अंतर्गत साफ-सफाई का काम करने का संकल्प लिया है।
संस्थान में 154 सदस्य हैं। इनमें से कम से कम पचास सदस्य प्रतिदिन साफ-सफाई के कार्यों में हिस्सा लेते हैं। अभियान के तहत इनकी गतिविधियां केवल चाम्पा शहर या चाम्पा इलाके तक सीमित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बनारस के साथ-साथ चाम्पा क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए जा रहे अपने रचनात्मक कार्यो की जानकारी दी।
संस्थान के युवाओं ने अभियान के 150 दिन पूर्ण होने पर संकल्प दिवस के रूप में हसदेव नदी के तट पर ‘हसदेव गंगा आरती’ और मंकर संक्रांत महोत्सव का भी आयोजन किया। स्वच्छता संदेश यात्रा का आयोजन कर उन्होंने बनारस (उत्तर प्रदेश) के साथ-साथ मध्यप्रदेश के कई इलाकों का दौरा किया और छत्तीसगढ़ के सात जिलों- जांजगीर-चाम्पा, बिलासपुर, कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर, कवर्धा और मुंगेली में भी लोगों को स्वच्छता संदेश देते हुए वापस अपने गृहनगर चाम्पा पहुंचे।
मुख्यमंत्री से शुक्रवार को चाम्पा निवासी इन युवाओं के प्रतिनिधिमंडल ने संसदीय सचिव अम्बेश जांगड़े के नेतृत्व में मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में चाम्पा सेवा संस्थान के संयोजक पुरुषोत्तम शर्मा, अध्यक्ष मनोज मित्तल, सचिव सुनील वनकर, छत्तीसगढ़ हाथ करघा आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमल देवांगन, छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी के पूर्व अध्यक्ष सलीम मेमन, एल्डरमेन गणेश श्रीवास और पार्षद कृष्णा देवांगन सहित राजेंद्र तिवारी, धनराज देवांगन, रौनक गुप्ता, चंद्रशेखर पाण्डेय, गोपाल देवांगन, भुवनेश्वर राठौर और डी. रमेश शामिल थे।