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 छत्तीसगढ़ : आदिवासियों का एनर्जी ड्रिंक ‘मड़ियापेज’ | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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छत्तीसगढ़ : आदिवासियों का एनर्जी ड्रिंक ‘मड़ियापेज’

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छत्तीसगढ़ सहित देशभर में जब गर्मी के प्रकोप से लोग लू जैसे गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते हैं, तो आदिवासी इलाके में मड़ियापेज तेज धूप और लू से वनांचलों के आदिवासियों को जीवन प्रदान करता है।

यह मड़ियापेज लघु धान्य फसल की श्रेणी में आने वाले रागी फसल से बनता है, जो भीषण गर्मी में लू, डिहाइड्रेशन, शुगर और मोटापा जैसे व्याधियों से बचाता है। कृषि वैज्ञानिकों का भी मत है कि आदिवासी क्षेत्रों में गर्मियों में मड़ियापेज ऊर्जादायक पेय (एनर्जी ड्रिंक) के रूप में इस्तेमाल होता है।

वहीं, आदिवासी पकी लौकी के खोल से खास तरह का वॉटर बॉटल भी बनाते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में तुम्बा कहा जाता है। इसी में मड़ियापेज भरकर रखा जाता है जो लंबे समय तक ठंडा रहता है।

जगदलपुर स्थित गुंडाधुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक अभिनव साव ने बताया कि रागी लो-कैलोरीज आहार है। यह लघु धान्य फसल की श्रेणी में आते हैं। इसका अंग्रेजी नाम फिंगर मिलेट है।

साव ने बताया कि चावल और कनकी के साथ रागी को उबालकर मड़ियापेज बनाया जाता है। पानी की तरह तरल बनाकर आदिवासी इसका इस्तेमाल गर्मियों में एनर्जी ड्रिंक के रूप में करते हैं। मड़ियापेज एक तरह से माड़ की तरह होता है।

लू से आदिवासियों को सुरक्षा प्रदान करने में मड़ियापेज की उपयोगिता पर उन्होंने कहा कि लो कैलोरीज आहार होने के चलते रागी से बनने वाला मड़ियापेज धीरे-धीरे शरीर में ऊर्जा प्रदान करते रहता है। इसके साथ-साथ यह तरलपेय शरीर के लिए ठंडा भी होता है।

साव ने बताया कि रागी खरीफ फसल है। इसके पौधे 120 दिनों में तैयार हो जाते हैं। इसमें काबोहाइड्रेड, फायबर, प्रोटीन, कैल्शियम, वसा, खनिज की भी प्रचुरता होती है। इसके साथ ही रागी डायबिटीज (शुगर) को नियंत्रित करती है।

वनांचल में रहने वाले सीताबाई, मेहतरीन बाई व रिपुसूदन ने मड़ियापेज बनाने और उसके इस्तेमाल के बारे में कहा कि एक कटोरी रागी का आटा रातभर भिगोकर सुबह उसे कनकी या चावल के साथ उबाला जाता है। इसमें पानी की मात्रा चारगुना होती है। दिनभर की गर्मियों से राहत और थकान दूर करने के लिए वे बरसों से इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी कृष्ण कुमार साहू ने भी मड़ियापेज को शरीर के बहुत फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ठंडा और सुपाच्य होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होता है।

छत्तीसगढ़ : आदिवासियों का एनर्जी ड्रिंक ‘मड़ियापेज’ Reviewed by on . छत्तीसगढ़ सहित देशभर में जब गर्मी के प्रकोप से लोग लू जैसे गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते हैं, तो आदिवासी इलाके में मड़ियापेज तेज धूप और लू से वनांचलों के आदिवा छत्तीसगढ़ सहित देशभर में जब गर्मी के प्रकोप से लोग लू जैसे गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते हैं, तो आदिवासी इलाके में मड़ियापेज तेज धूप और लू से वनांचलों के आदिवा Rating:
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