जशपुरनगर. छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर में सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता को मामले को लेकर पुलिस का सहारा लेना महंगा पड़ा. गांव में खाप पंचायत की तर्ज पर सभा का आयोजन कर दबंगों ने मामले में आरोपित बताए जा रहे दो युवक और पीडि़ता पर पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदंड लगा दिया. पीडि़ता द्वारा अर्थदंड अदा ना किए जाने पर गांव की बदनामी की दुहाई देते हुए पुलिस में शिकायत ना करने का दबाव बनाया जा रहा है. वहीं गांव में खुले घूम रहे आरोपितों से भी पीडि़ता और उसका परिवार दहशत में है.
कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी 23 वर्षीया पीडि़ता का 2 नवंबर को घर में उसके भाई से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. विवाद के बाद पीडि़ता अपने घर से निकल कर बगल के एक बस्ती में चली गई. पीडि़ता के मुताबिक इसी बस्ती में रहने वाले दो आरोपित संदीप और किशोर ने सीमेंट ढोने के बहाने उसके रिश्तेदार के घर से बुला कर ले गए और उसके साथ अनाचार किया. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपितों ने मामले की जानकारी किसी को ना देने की धमकी देते हुए पीडि़ता को छोड़ दिया. इस बीच गांव में पीडि़ता को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने से रोकने के लिए आरोपितों ने तमाम हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया. पीडि़ता ने मीडिया को दिए बयान में बताया है कि 14 नवंबर के दोपहर को उसके गांव में इस मामले को लेकर एक सामाजिक बैठक का आयोजन किया गया. इसमें उसे आरोपितों के साथ गांव वाले के सामने खड़ा करके मामले की जानकारी ली गई. बैठक में पीडि़ता ने दोनों आरोपितों की करतूत बताते हुए इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई.
गांव की छवि खराब करने पर लगाया अर्थदंड
लेकिन बैठक में शामिल कुछ विशेष लोगों ने पूरे मामले में गांव की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए आरोपित दोनों युवक के साथ पीडि़ता पर पांच-पांच हजार रूपये का अर्थदंड आरोपित कर दिया. पीडि़ता का कहना है कि दोनों आरोपितों ने सामाजिक बैठक के बाद ही अर्थदंड का भुगतान कर दिया था, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह इस रकम को नहीं भर पाई. इसलिए अब उस पर इस मामले को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज ना कराने का दबाव बनाया जा रहा है. वहीं गांव में खुलेआम घूम रहे दोनों आरोपित भी परोक्ष रूप से उसे व उसके परिजनों को धमकाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इससे वह भयभीत है.