रायपुर, 13 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री राजेश मूणत ने बुधवार बताया कि एक वर्ष के भीतर महिलाओं के स्वामित्व में 31 हजार 737 वाहनों का पंजीयन किया गया है, जिनमें राज्य में सर्वाधिक अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग में छह हजार 36 वाहनों का पंजीयन महिलाओं के नाम से और सबसे कम जिला परिवहन कार्यालय गरियाबंद में 17 वाहनों का पंजीयन महिला स्वामित्व के नाम से किया गया है।
रायपुर, 13 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री राजेश मूणत ने बुधवार बताया कि एक वर्ष के भीतर महिलाओं के स्वामित्व में 31 हजार 737 वाहनों का पंजीयन किया गया है, जिनमें राज्य में सर्वाधिक अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग में छह हजार 36 वाहनों का पंजीयन महिलाओं के नाम से और सबसे कम जिला परिवहन कार्यालय गरियाबंद में 17 वाहनों का पंजीयन महिला स्वामित्व के नाम से किया गया है।
उन्होंने बताया कि वाहन स्वामियों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत, वाहन स्वामियों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और वाहन डीलर के माध्यम से वाहन का पंजीयन तत्काल प्राप्त हो रहा है।
परिवहन मंत्री मूणत ने बताया कि एक वर्ष के भीतर परिवहन विभाग द्वारा महिलाओं के स्वामित्व में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय रायपुर से 2726 वाहनों के पंजीयन किए गए। इसी प्रकार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय बिलासपुर में 3975 वाहनों का, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जगदलपुर में 1978 वाहनों का, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय अंबिकापुर में 4014 वाहनों का पंजीयन महिला स्वामित्व के नाम किया गया है।
अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय राजनांदगांव में 2629 वाहनों का, जिला परिवहन कार्यालय कोरबा में 1165 वाहनों का, रायगढ़ में 1001 वाहनों का, धमतरी में 1623 वाहनों का, महासमुंद में 656 वाहनों का, कोकेर में 811 वाहनों का दंतेवाड़ा में 759 वाहनों का, कबीरधाम में 158 वाहनों का, जांजगीर-चाम्पा में 996 वाहनों का, कोरिया में 385 वाहनों का, जशपुर में 819 वाहनों का पंजीयन महिला स्वामित्व के नाम एक वर्ष के भीतर किया गया है।
इसी प्रकार बलौदाबाजार में 522 वाहनों का पंजीयन, बेमेतरा में 289 वाहनों का, बालोद में 652 वाहनों का, मंगेली में 82 वाहनों, कोण्डागांव में 418 वाहनों का और जिला परिवहन कार्यालय सूरजपुर में 26 वाहनों का पंजीयन महिला स्वामित्व के नाम एक वर्ष के भीतर किया गया है।