रायपुर, 13 अक्तूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित कानन पेंडारी जू में मंगलवार को को जिनका जन्मदिन है या फिर ऐसी बच्ची जिसका नाम आशा है तो उन्हें नि:शुल्क प्रवेश दिया गया। जू प्रबंधन ने यह तोहफा बाघिन आशा के जन्मदिन के अवसर पर दिया। इस वर्ष भी उसके पिंजरे को गुब्बारे से सजाया गया। साथ ही दोपहर 3 से शाम 4 बजे के बीच आशा नाम से केक भी काटा गया।
टाइग्रेस आशा 13 अक्टूबर को दो साल की हो गई। जू प्रबंधन इस टाइग्रेस को लेकर बेहद उत्साहित नजर आ रहा है। इसके पीछे दो बड़ी वजहे हैं। एक तो इसका जीवित रहना है। दरअसल, उसकी मां चेरी ने 2013 में चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें तीन शावकों की बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गई। आशा भी इस बीमारी की चपेट में आ गई थी, लेकिन उसे बचा लिया गया। दूसरी वजह सफेद टाइगर नस्ल सुधार (हेटेरोजाइगोसिटी) है।
यह सफेद टाइगर विजय व रॉयल बंगाल टाइग्रेस चेरी की प्रथम संतान है। कानन पेंडारी देश का पहला जू है जहां हेटेरोजाइगोसिटी के तहत जू में पैदा हुई प्रथम टाइग्रेस है। इन्हीं विशेषताओं को देखते हुए जू प्रबंधन इसका जन्मदिन हर साल बड़े उत्साहपूर्वक मनाता है।
पिछले साल भी आशा के पिंजरे को गुब्बारे से सजाया गया था, लकिन पहली बार कुछ खास वन्यप्राणी प्रेमियों को नि:शुल्क प्रवेश देने का निर्णय लिया गया। जिनका जन्मदिन 13 अक्टूबर को पड़ता है, ऐसे पर्यटक कानन में आकर अपना जन्मदिन मना सकते हैं। इसके लिए उन्हें मोबाइल नंबर 7587012806 पर मैसेज देना होगा। साथ ही अपने साथ केक खुद लाना होगा। उन बच्चियों को भी जू में नि:शुल्क प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है, जिनका नाम आशा है। वह टाइग्रेस आशा के जन्मदिन कार्यक्रम में दिनभर शामिल हो सकती है।
बाघिन आशा को पिछले साल नवंबर में डॉ. मनीष बुधिया व डॉ. रश्मि बुधिया ने अपने सुपुत्र श्रेयांश के जन्मदिन के अवसर पर गोद लिया था। उन्होंने कानन प्रबंधन में एक लाख 80 हजार रुपये भी जमा किए हैं। जू प्रबंधन ने बुधिया परिवार को भी विशेष रूप से जन्मदिन कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया।