नई दिल्ली, 9 अक्टूबर – दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की शिकायत पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को शुक्रवार को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। चौटाला इन दिनों जमानत पर हैं। सीबीआई ने चौटाला पर जमानत की शर्तो का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने गुरुवार को चौटाला को नोटिस जारी किया। चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख भी हैं। नोटिस में उन्हें अदालत में संदेह हाजिर होने के लिए कहा है। सीबीआई ने समर्पण की तय तारीख 17 अक्टूबर से पहले ही उनकी जमानत रद्द करने का आग्रह किया है।
यह उल्लेख किए जाने के बाद कि इलाज के नाम पर जमानत लेने के बाद चौटाला हरियाणा में 15 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय रूप से रैलियां करते फिर रहे हैं, अदालत ने कहा, “मैं दुख के साथ इस बात (शर्त उल्लंघन) से अवगत हूं। यह न्यायपालिका को ठेंगा दिखाने जैसा है।”
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में शिक्षक भर्ती घाटाले में चौटाला को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था और 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।
सीबीआई की वकील राजदीप बेहुरा ने अदालत से कहा कि अदालत से अनुमति लिए बगैर चौटाला हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुटे हैं और उन्होंने अदालत से मिली जमानत का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि रैलियां कर चौटाला ने अदालत का मजाक उड़ते फिर रहे हैं और कहते हैं, “कोई मुझे छू भी नहीं सकता।”
बेहुरा ने अदालत से कहा, “यह तो ‘यदि पकड़ सको तो पकड़ के दिखाओ’ जैसी स्थिति है।” उन्होंने अदालत से अंतरिम जमानत की शर्तो का उल्लंघन करने के लिए चौटाला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आग्रह किया।
इस पर अदालत ने सीबीआई से कहा कि ‘चौटाला द्वारा उल्लंघन के बारे में अदालत को पहले ही सूचित किया जाना चाहिए था और उसी समय इसे दुरुस्त करने वाला कदम उठाया जाना चाहिए था।’
26 सितंबर को उच्च न्यायालय ने चौटाला की अंतरिम जमानत रद्द कर दी थी और उन्हें 17 अक्टूबर को समर्पण करने को कहा था।