(खुसर-फुसर)– भाजपा में अपने आप को संघर्षशील नेता मानने वाले एक नेताजी कुछ मजबूत होते ही अपनी असलियत पर सामने आ गये,लेकिन ख़बरनवीसों की नजर से उनकी तानाशाही फितरत छुप ना सकी.अपने राजनैतिक गुरु का नाम बदनाम करते ये नेता जी उनकी भी खटिया खड़ी और बिस्तर गोल करने की तैयारी में हैं.
विधानसभा चुनाव से प्रचारित-प्रसारित हुए इन नेताजी को ओहदा मिलने पर उसकी ठसक बर्दाश्त नहीं हुई.पूर्व में सज्जनता का चोला ओढ़े ये नेताजी एकाएक सुर्खी बटोरने में लग गये,कई पत्रकारों को समय-समय पर चेतावनी देने में ना चूकने वाले ये नेताजी कुछ चंद पत्रकारों से दोस्ताना हो गये,इनमे कुछ वे हैं जो एक नेताजी से दोस्ती कर अपने अमूल्य सुझावों से उन्हे नेस्तनाबूत कर चुके हैं.आपको बता दें की नेस्तनाबूत होने वाले ये नेताजी आज कल पूर्व विधायक के खिताब से नवाजे जाते हैं.
उनके एक वरिष्ठ सहयोगी ने बताया की जब नेताजी को यह महसूस हुआ की वे ताकतवर हो गये हैं तब वे अपने को संभाल नहीं पाये और अपनी असलियत लेकर सामने आ गये,वैसे आपको बता दें इनका पत्रकारों ने खूब सहयोग किया लेकिन नेताजी को गुरूर हो गया इनके देखा-देखी एक और इनके साथ बैठने वाले नेताजी भी घमंडी लस्सी की तरह हो गये हैं.लेकिन खबर यह है की इनकी भी किताब खुलने वाली है.
ये नेताजी पहले अपने गुरु के रहते उनकी गद्दी पर कब्जा करने की जुगत से चर्चा में आये फिर कुछ मेहमानों को पिलाने-खिलाने का पैसा भाजपा के खजाने से वसूलने के प्रयास में इन्हे रास्ता दिखा दिया गया,ये नेताजी वल्लभ भवन में भी अपने रसूख को प्रदर्शित करते नजर आते हैं.
अब बात इतनी फैल गयी है की इन नेताजी को अच्छी नजरों से नहीं देखा जा रहा है और आलाकमान तक इनके कारनामों की खबर पहुंच गयी है,इनकी हरकतों की वजह से इनके गुरु भी इनसे किनारा करते नजर आ रहे हैं और इनकी वजह से हो रहे अपने नुकसान का आंकलन कर रहे हैं.
आपको यह बता दें की इन नेताजी को कुछ ख़बरनवीसों ने पहले ही होशियार किया था लेकिन ये नहीं माने और एक के बाद दूसरी हरकत करते गये.