चेन्नई, 5 जनवरी (आईएएनएस)। डीएमके कार्यकर्ताओं ने यहां मंगलवार को धरना-प्रदर्शन करते हुए शहर में आई बाढ़ की न्यायिक जांच कराने की मांग की और कहा कि यह चिदंबरमबक्कम झील से अतिरिक्त पानी छोड़ने का नतीजा था।
डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया।
अक्टूबर-दिसंबर 2015 में भारी बारिश के कारण चेन्नई और उसके आसपास के कांचीपुरम, कड्डलोर और थिरुवल्लुर जिले बाढ़ की चपेट में आ गए। यह पिछले सौ सालों की सबसे भीषण बाढ़ थी, जिसमें 421 लोगों की मौत हो गई।
राज्य के मुख्य सचिव के गनानादेसीकन ने 13 दिसंबर को कहा था कि चेन्नई में बाढ़ चिदंबरमबक्कम झील से पानी छोड़ने से नहीं आई थी और न ही यह किसी गलत निर्णय या जल कुप्रबंधन का नतीजा था। उन्होंने कहा था कि यह मुख्य रूप से नबंवर में हुई भारी बारिश का नतीजा था।