यानबाओ को 2014 में स्थानीय गरीबी राहत परियोजना से 80,000 युआन (12,300 अमेरिकी डॉलर) का ऋण प्राप्त हुआ और उससे उन्होंने मुर्गियों का लालन-पालन शुरू किया। मात्र दो साल की अवधि में ही वह अपने गांव के धनी व्यक्तियों में शुमार हो गए।
यानबाओ उन 5.2 करोड़ ग्रामीणों में से एक हैं, जिन्हें पिछले तीन साल से देश के निर्धारित और प्रभावी गरीबी राहत कार्य से लाभ मिल रहा है।
पिछले तीन दशकों से करीब 60 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए हैं। चीन सहस्राब्दि विकास लक्ष्य को पूरा करने वाला पहला विकासशील देश बना है, लेकिन अब भी गरीबी के खिलाफ जंग जारी है।
सरकार ने अगले पांच वर्षो में गरीबी अपचयन को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखते हुए यह शपथ ली है कि वह गरीबी रेखा से नीचे के स्तर पर बाकी बचे सात करोड़ लोगों की मदद करेगी और वर्ष 2020 तक इस लक्ष्य को पूरा कर लेगी।