मूडीज के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विश्लेषक जिमिंग जोऊ के अनुसार, रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा निर्माण क्षेत्रों में निवेश की धीमी गति और उत्पादन गतिविधियों में भी आई गिरावट के कारण इस्पात का घरेलू मांग घटा है।
इससे इस्पात उद्यमियों का लाभ घटा है और छोटे उद्यमी तो बाजार से ही बाहर हो चुके हैं।
जोऊ ने कहा, “मांग में कमी थी ही, अत्यधिक आपूर्ति ने समस्या और बढ़ा दी, जिससे चीन में इस्पात की कीमत ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच चुकी है।”
चीनी के लौह एवं इस्पात संघ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बड़ी और मध्यम आकार की इस्पात कंपनियां वर्ष दर वर्ष के आधार पर 2015 के शुरुआती आठ महीने से घाटे में चल रही हैं।
पिछले 12 महीनों में चीन में वार्षिक आधार पर इस्पात की मांग में पांच फीसदी की गिरावट आई है और कुल बिक्री में तीन से चार फीसदी की कमी रहेगी।
मूडीज ने हालांकि संभावना जताई है कि क्षमता कटौती और नवीनीकरण से इस्पात उद्योग में आने वाले एक-दो वर्ष में तेजी आएगी। छोटे इस्पात उत्पादक संसाधनों की कमी के कारण घाटे का पूर्ति और पर्यावरणीय लागत न निकाल पाने के कारण बाजार से हट जाएंगे। इसका फायदा बाओस्टील जैसी विशाल कंपनियों को होगा और वे बाजार की अधिक हिस्सेदारी पर कब्जा कर लेंगी।
गौरतलब है कि चीन में कच्चे लोहे का उत्पादन इस वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में 2.2 फीसदी की दर से घटकर 67.51 करोड़ टन हो चुका है।