बीजिंग, 16 मई (आईएएनएस)। चीन ने प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षरण के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करते हुए अपने केंद्रीय हरित दलों को देश के सभी प्रांतों में निरीक्षण करने का अधिकार दे दिया है।
बीजिंग, 16 मई (आईएएनएस)। चीन ने प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षरण के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करते हुए अपने केंद्रीय हरित दलों को देश के सभी प्रांतों में निरीक्षण करने का अधिकार दे दिया है।
यह बड़ा कदम है, क्योंकि इससे पहले केवल चीन के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय-केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग को ही देश के 33 प्रांतों में किसी भी राज्य में जांच के लिए दल भेजने का अधिकार था।
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार चीन का पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय दूसरा राष्ट्रीय प्राधिकार होगा जिसे किसी राज्य में निरीक्षण दल भेजने और प्रांतीय नेताओं से बातचीत करने का अधिकार होगा।
समाचार पत्र के अनुसार राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण निरीक्षण कार्यालय के प्रमुख लियु चेंगगेन ने कहा, “पर्यावरणीय संरक्षण की निगरानी के लिए हमें एक मौलिक प्रणाली बनानी चाहिए। केंद्र सरकार का निरीक्षण स्थानीय अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा।”
लियु ने कहा कि हेबेई में प्रायोगिक परियोजना के सफल होने के बाद यह फैसला किया गया है। चीन के कुल इस्पात उत्पादन का 25 प्रतिशत हेबई में होता है और यह देश के पांच सर्वाधिक प्रदूषित प्रांतों में एक है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस काम के लिए 120 लोगों का चयन किया है। इनके दल बनाकर लक्षित क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
सभी प्रांतों में साल में दो बार इस तरह के निरीक्षण होंगे।
उद्योगों के बेरोकटोक विकास से चीन की आर्थिक प्रगति तो हुई है, लेकिन इसके कारण प्रदूषण बढ़ा है और पर्यावरणीय क्षरण भी हुए हैं।
दुनिया के अत्याधिक प्रदूषित शहरों में से बीजिंग एक है। 2015 के एक अध्ययन के अनुसार चीन में हर साल 16 लाख लोग प्रदूषण की भेंट चढ़ जाते हैं।
गत मार्च में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि देश की आर्थिक विकास दर विगत 25 वर्षो में घट कर सबसे कम 6.9 प्रतिशत हो गई है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर इसे ठीक नहीं किया जा सकता है।
सन् 2015 में चीन में इस संबंध में 97,000 प्रशासनिक आदेश जारी किए गए, प्रदूषण फैलाने वाले 20,000 संयंत्रों को बंद कर दिया गया और 654 अरब डॉलर जुर्माने के रूप में वसूले गए जो 2014 की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक थे।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले 34,000 संयंत्रों को उत्पादन रोकना पड़ा था। इसी वजह से चीन के 20 शहरों और काउंटियों में परियोजनाओं की मंजूरी स्थगित कर दी गई थी।