हुंडई रिसर्च इंस्टीट्यूट (एचआरआई) के वरिष्ठ शोधकर्ता हान जे जिन ने कहा, “कोरिया-चीन मुक्त व्यापार समझौता वैसे तो द्विपक्षीय व्यापार के संदर्भ में है, लेकिन यह एशिया और शेष दुनिया को प्रभावित करने में बेहद अहम भूमिका निभा सकता है।”
दक्षिण कोरिया और चीन ने तीन वर्षो तक चली वार्ता के बाद इसी वर्ष जून में द्विपक्षीय एफटीए पर हस्ताक्षर कर दिए।
दोनों देशों के बीच, समझौते के लागू होने के बाद, अगले 20 वर्षो में एकदूसरे के साथ आदान-प्रदान होने वाले 90 प्रतिशत से अधिक उत्पादों पर अतिरिक्त कर खत्म करने पर सहमति बनी।
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून ह्यू ने अगले साल की बजटीय योजना के लिए अपने हालिया संसदीय संबोधन में सांसदों को चीन के साथ व्यापार संधि को मंजूरी देने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि इस सौदे की पुष्टि में देरी से स्थानीय निर्यातक दैनिक आधार पर करीब 35 लाख डॉलर के निर्यात के अवसर से वंचित रह जाएंगे।
हान ने कहा, “दक्षिण कोरिया-चीन एफटीए की इस क्षेत्र में अहम भूमिका है, क्योंकि इसका संबंध सिर्फ दक्षिण कोरिया और चीन से ही नहीं है बल्कि इससे अन्य एशियाई देशों को भी जोड़ा जा सकता है।