यह नई खोज विज्ञान पत्रिका ‘सेल’ में प्रकाशित हुई है, जिससे इबोला की रोकथाम व इसके इलाज से संबंधित दवाओं के विकास में मदद मिलेगी।
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस (सीएएस) और चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबायलॉजी के शोधकर्ता गाओ फू ने बताया कि इबोला इंफ्लूएंजा और एचआईवी वायरस की तरह ही होता है, जो मनुष्य की कोशिकाओं में घुसकर अपना जीवन चक्र पूरा रहते हैं।
गाओ का कहना है इस शोध से कई नई जानकारियां सामने आई हैं, जिससे इबोला वायरस को शुरुआती दौर में ही मानव कोशिकाओं में घुसने से रोका जा सकेगा।