चित्रकूट / दीनदयाल शोध संस्थान के तत्वाधान में ग्रामीण बालक-बालिकाओं के समग्र व्यक्तित्व विकास की दृश्टि से गुरुकुल संकुल चित्रकूट में चलाये जा रहे 21 दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर में पहुंचकर संस्थान के प्रधान सचिव डॉ. भरत पाठक ने शिविर की समस्त गतिविधियों का अवलोकन कर मध्यावधि समीक्षा की तथा व्यवस्था से जुडे़़ कार्यकर्ताओं सहित शिविरार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि श्रद्धेय नानाजी के मार्गदर्षन में ग्रामवासियों के सामूहिक प्रयत्नों से चित्रकूट क्षेत्र के चयनित गांवों में एक अच्छे संस्कारयुक्त वातावरण की निर्मिति का मार्ग प्रषस्त हुआ है अब रूकने की नहीं इस मार्ग पर आगे बढ़ते रहने की जरूरत है। खुषहाली के लिये संवेदनषीलता की महती आवष्यकता होती है। मानव की संवेदनषीलता ही उसके व्यक्तित्व को समृद्ध बनाती है। शिविर में दीनदयाल षोध संस्थान के समाजषिल्पी दम्पति कार्यों को राजस्थान में रिप्लीकेट कर रहे सृश्टि संस्थान द्वारा राजस्थान के अन्तर्गत पहाडी, घटटी, भंवरगढ, निवाडी एवं खटका स्थानों से 35 सहारिया जनजाति के छात्र-छात्राएं भी सहभागिता कर रहे हैं। शिविर में शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रमों के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार के 16 विशयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शिविरार्थी अलग-अलग समूहों में प्राप्त कर रहे हैं। यह शिविर 25 मई तक चलेगा। क्षेत्रीय भाशा संभाशण प्रषिक्षण के अन्तर्गत संस्कृत, अंग्रेजी एवं बांग्ला भाशा का प्रशिक्षण दिया रहा है। गायन वादन में तबला रीवा के विनय पाण्डेय, ढोलक में बांदा के रामस्वरूप राही और हारमोनियम वाद्य यन्त्र में खजुराहो के अटल षुक्ला द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लखनऊ की मनीशा मिश्रा एवं पवन तिवारी द्वारा नृत्य प्रषिक्षण में शिविरार्थी विशेष रुचि दिखा रहे हैं। संस्थान के विशय विशेषज्ञ कार्यकर्ताओं द्वारा संस्कृत संभाषण रीवा के संतोश तिवारी, चित्रकला में संजीव घाटी, मूर्तिकला में बृजेष गौतम और कम्प्यूटर का प्रशिक्षण राजमणि विष्वकर्मा एवं संतोश पटेल, डाली गर्ग द्वारा दिया जा रहा है। राधेष्याम बाघमारे एवं धर्मेंन्द्र कुमार के नेतृत्व में शारीरिक प्रशिक्षण के अन्तर्गत तैराकी, निशानेबाजी, डम्बल, योगचाप, योगासन, कराटे और बॉक्सिंग का विषेश प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बौद्धिक सत्र योजना में अभी तक व्यक्तिगत जीवन में स्वावलम्बलन एवं सामूहिक जीवन में परस्परावलम्बन विशय पर शिविर के पालक राजेन्द्र सिंह द्वारा, स्वस्थ तन-स्वस्थ मन विशय पर चित्रकूट रसषाला के प्रबंधक डॉ. विजयप्रताप सिंह, विद्यार्थियों के आदर्ष गुण विशय सुरेन्द्रपाल विद्यालय के प्राचार्य मदन तिवारी द्वारा तथा समाजषिल्पी दम्पति प्रभारी डॉ. अषोक पाण्डेय द्वारा भारत दर्शन, गुरुकुल संकुल के प्रभारी हरीराम सोनी द्वारा सेवाकार्य, जनषिक्षण संस्थान के निदेषक डॉ. रामलखन सिंह सिकरवार द्वारा औशधि पौधों का महत्व, उद्यमिता विद्यापीठ के संयोजक मनोज सैनी द्वारा व्यक्तिगत-पारिवारिक एवं सामुदायिक स्वच्छता के अलावा कृशि विज्ञान केन्द्र गनींवा के कार्यक्रम समन्वयक डॉ नरेन्द्र सिंह द्वारा व्यक्तित्व विकास में समय प्रबंधन,समाजषिल्पी दम्पति अक्षय तिवारी द्वारा हमारा गौरवषाली अतीत जैसे विषयों पर शिविरार्थियों का ज्ञान वध्र्ान हुआ है। प्रतिदिन रात्रि कार्यक्रम के मनोरंजन सत्र में बालक-बालिकाओं की उत्साहपूर्ण सहभागिता देखने को मिल रही है। वे व्यक्तित्व विकास के विविध आयामों को हंसते-खेलते सहजता और सरलता से सीख समझ रहे हैं। प्रातः प्रार्थना के कालांश में प्रतिदिन अलग-अलग महापुरुषों के व्यक्तित्व और कर्तृत्व का बोध उन्हें कराया जा रहा है। विभिन्न ग्रामों, नगरों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक स्तरों के बालक-बालिकायें एक साथ रहकर सह जीवन का अभ्यास कर रहे हैं। शिविर में उ0प्र0 और म0प्र0 राज्यों के 5 जिलों के 89 गांवों से कुल 241 शिविरार्थी भाग ले रहे है। जिन्हें 9 गणों और 11 गटों में रखा गया है। पूर्व में संस्थान द्वारा प्रषिक्षित गांवों के बालमित्र शिविर में सहयोगी प्रशिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं।
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