कोझिकोड, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने मंगलवार को दिल्ली के ‘केरल हाउस’ में पुलिस के प्रवेश को अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया, जिस कारण यहां भैंस के मांस को अपनी व्यंजन सूची से हटाना पड़ा था।
चांडी ने यहां मीडिया को बताया, “पुलिस की कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है। दिल्ली पुलिस ने जो भी किया, वह गलत था।”
चांडी ने कहा, “केरल हाउस निजी होटल नहीं है। यह केरल सरकार की आधिकारिक इमारत है। कल (सोमवार) जो कुछ भी हुआ उसकी जांच के बाद हम उचित कदम उठाएंगे।”
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, यहां गोमांस परोसे जाने की हिंदू सेना द्वारा पुलिस को की गई शिकायत के बाद परिसर के बाहर विरोध के चलते केरल हाउस ने अपनी व्यंजन सूची से गोमांस करी को हटा दिया।
केरल हाउस ने स्पष्ट कर दिया कि वे जो परोसते थे वह भैंस का मांस था, हालांकि उसे अंग्रेजी में बीफ (गोमांस) कहा जाता है।
पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटोनी ने कहा कि वे यह जानने के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे कि केरल हाउस में क्या हुआ। एंटोनी अभी स्थानीय निकाय चुनाव अभियान के सिलसिले में तिरुवनंतपुरम में हैं।
एंटोनी ने कहा, “कोई यह आदेश नहीं दे सकता कि किसे क्या खाना चाहिए, क्या पहनना चाहिए या क्या लिखना चाहिए।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बेहद गंभीर और दुखद है कि अपनी मर्जी के मुताबिक करने के लिए लोगों की हत्या की जा रही है। नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यालय संभालने के बाद से ही यह शुरू हुआ है।”
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त जतिन नरवाल ने आईएएनएस को बताया कि यह जांचने के लिए कि क्या केरल हाउस में गोमांस परोसा जाता है, सोमवार को 20 पुलिस अधिकारियों की एक टीम केरल हाउस पहुंची।
नरवाल के मुताबिक, देश में पिछले सप्ताहों में गोमांस बिक्री और खाने से संबंधित अप्रिय घटनाएं सामने आने के बाद तथ्यों की जांच के लिए एक पुलिस टीम केरल हाउस गई थी। पुलिस टीम वहां कई घंटों तक रही।
वहीं, केरल हाउस के मुताबिक, वहां के भोजनालय में केवल भैंस का मांस परोसा जाता है जिसे ‘गोमांस’ कहा जाता है, लेकिन अब उसे भी व्यंजन सूची से हटाने का निर्णय लिया गया है।
केरल के गृह मंत्री रमेश चेन्नीथला ने कहा कि वे दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात करके पुलिस कार्रवाई की शिकायत करेंगे।
चेन्नीथला ने कहा, “केरल हाउस केरल सरकार का प्रतिष्ठान है। अगर किसी को कोई शिकायत है तो उन्हें पुलिस को छापे के लिए भेजने की जगह स्वीकार्य तरीका अपनाना चाहिए।”