नई दिल्ली, 28 जनवरी आईएएनएस। अगले शुक्रवार सिनेमागृहों में प्रदर्शित होने जा रही फिल्म ‘चल गुरु हो जा शुरू’ में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले अभिनेता हेमंत पांडे का कहना है कि यह फिल्म किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाएगी, बल्कि समाज के सामने पाखंड का पर्दाफाश करेगी और लोगों को जागरूक करेगी।
नई दिल्ली, 28 जनवरी आईएएनएस। अगले शुक्रवार सिनेमागृहों में प्रदर्शित होने जा रही फिल्म ‘चल गुरु हो जा शुरू’ में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले अभिनेता हेमंत पांडे का कहना है कि यह फिल्म किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाएगी, बल्कि समाज के सामने पाखंड का पर्दाफाश करेगी और लोगों को जागरूक करेगी।
मनोज शर्मा निर्देशित ‘चल गुरु हो जा शुरू’ 30 जनवरी को देशभर में एक साथ प्रदर्शित होने जा रही है।
हेमंत ने आईएएनएस के साथ फोन पर हुई एक विशेष बातचीत में कहा कि यह अंधविश्वास और पाखंड पर चोट करती फिल्म है। लेकिन यह किसी संत या बाबा के ऊपर नहीं बनी है। फिल्म की अपनी कहानी है, जिसका मकसद लोगों को धार्मिक पाखंड के प्रति जागरूक करना है।
चर्चित धारावाहिक ‘ऑफिस ऑफिस’ में अपनी भूमिका से चर्चित हेमंत ने ‘चल गुरु..’ में अपनी भूमिका के बारे में बताया, “मेरा किरदार एक ‘चेंजओवर पर्सनलिटी’ के बारे मंे है। एक व्यक्ति जो अभिनेता है और एक संत के प्रवचन से प्रभावित होकर खुद भी संत बनने का फैसला करता है। उसे लगता है कि अभिनय में धक्के खाने से बढ़िया ढोंगी बाबा बन जाना है।”
हेमंत अब भूमिकाओं के चयन में काफी सावधान हो गए हैं। वह कोई भी भूमिका करने को तैयार नहीं हैं। इन दिनों वह वहीं भूमिका स्वीकार करते हैं, जिसमें कुछ अलग करने के लिए हो। वह बताते हैं, “आने वाले दिनों में मेरी आठ ऐसी फिल्में आप देखेंगे, जिनमें मैं या तो मुख्य भूमिका में हूं या खलनायक की भूमिका में हूं। तो बहुत जल्द आप खलनायक हेमंत पांडे को भी पर्दे पर देखेंगे।”
हेमंत से जब पूछा गया कि मिलती-जुलती विषयवस्तु वाली हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘पीके’ की तरह ‘चल गुरु’ का भी विरोध हो सकता है, ऐसे में फिल्म को प्रदर्शित करने का जोखिम उठाना कितना सही है, “उन्होंने कहा, हमारी फिल्म का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि लोग इस बात को समझें कि कोई उन्हें बेवकूफ नहीं बना सकता। हमारी फिल्म लोगों को जागरूक करने में सफल होती है, तो हमारी मेहनत सफल होगी।”
उन्होंने कहा, “मैं खुद उत्तराखंड का रहने वाला हूं, जिसे देवभूमि के नाम से भी जानते हैं। मैंने संत महात्मा और साधुओं को काफी नजदीक से देखा-जाना है। सभी साधु-संत ढोंगी नहीं होते हैं, लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों के ढोंग के कारण लोगों के विश्वास को ठेस पहुंचती है। ‘चल गुरु.. ‘ से मेरा एक आत्मिक जुड़ाव भी इसी वजह से है कि मेरे जीवन का काफी अरसा देवभूमि में संतों-भक्तों वाले माहौल में बीता है, जिसे मैं करीब से समझता हूं।”
उत्तराखंड सरकार द्वारा फिल्म को कर मुक्त किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हेमंत ने कहा कि यह पूरी टीम के लिए बेहद उत्साहवर्धक है। जब इस तरह की कोई फिल्म कर मुक्त घोषित कर दी जाती है, तो इससे कलाकारों को, फिल्मकारों को ज्वलंत सामाजिक मुद्दों को फिल्मी पर्दे पर उतारे का हौसला मिलता है।
यह पूछने पर कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि होने के कारण क्या फिल्म के प्रदर्शन के लिए इस दिन चुना गया, उन्होंने कहा, “वैसे तो यह एक संयोग है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर हमारी फिल्म आ रही है। लेकिन आदर्श भारत का सपना देखने वाले गांधी जी को यह फिल्म श्रद्धांजलि होगी। इससे बढ़िया क्या बात होगी कि समाज को जागरूक बनाने के उद्देश्य से बनाई गई फिल्म गांधी जी की पुण्यतिथि पर प्रदर्शित हो रही है।”
हेमंत से निकट भविष्य में उनकी योजनाओं के बारे मे पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “फिलहाल तो ‘चल गुरु..’ के प्रदर्शन का इंतजार है। इस साल मेरी कई फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं, तो मैं आने वाले दिनों में काफी व्यस्त हूं। आने वाली फिल्म ‘फ्लेम’ में खलनायक बना हूं। फिल्म ‘वाह ताज’ में मेरी नकारात्मक भूमिका है। एक फिल्म है ‘ए डॉटर्स ड्रीम’ जो दुनियाभर में अलग-अलग फिल्म महोत्सवों में दिखाई जा रही है। इसके अलावा ‘डायरेक्ट इश्क’ और ‘लॉलीपॉप’ भी हैं। तो इस साल मैं काफी व्यस्त रहने वाला हूं।”
उल्लेखनीय है कि हेमंत को ‘क्रिस’, ‘मुझे कुछ कहना है’, ‘आप मुझे अच्छे लगने लगे’ सहित दर्जन भर फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना-पहचाना जाता है।