अक्रा, 28 जनवरी (आईएएनएस)। भारत ने पूरे अफ्रीका में अपने बढ़ते प्रभाव के एक और संकेत के रूप में घाना को 15 करोड़ डॉलर का ऋण मुहैया कराया है। यह ऋण कृषि यंत्रीकरण सेवा केंद्र (एएमएसईसी) परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग के लिए दिया गया है, ताकि देश भर में किसानों को समय पर किफायती दामों पर कृषि औजार प्राप्त हो सके।
अक्रा, 28 जनवरी (आईएएनएस)। भारत ने पूरे अफ्रीका में अपने बढ़ते प्रभाव के एक और संकेत के रूप में घाना को 15 करोड़ डॉलर का ऋण मुहैया कराया है। यह ऋण कृषि यंत्रीकरण सेवा केंद्र (एएमएसईसी) परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग के लिए दिया गया है, ताकि देश भर में किसानों को समय पर किफायती दामों पर कृषि औजार प्राप्त हो सके।
भारत के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में घाना के आंतरिक मामलों के मंत्री मार्क ओवेन वोयोंगो ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र के येंडी इलाके में पेय जल सुधार के लिए भी भारत ने तीन करोड़ डॉलर का ऋण दिया है।
एएमएसईसी परियोजना के तहत किसानों को सटीक रोपण के लिए खेतों की तैयारी करने में प्लांटर से, फसलों के समुचित रखरखाव के लिए बूम स्प्रेयर एवं पंपों से, और प्रभावी फसल कटाई के लिए कंबाइन हारवेस्टर से लाभ मिलेगा।
एएमएसईसी कार्यक्रम के अन्य उद्देश्यों में किसान के अनुपात में ट्रैक्टरों की कम संख्या को बढ़ाना और साथ में हाथ से कृषि कार्य करने की नीरसता और उबाऊपन को घटाना है।
वोयोंगो ने कहा कि भारत विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कार्यक्रमों के जरिए लगातार घाना की मदद कर रहा है। इनमें भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) और विशेष राष्ट्रमंडल अफ्रीकी सहायता योजना शामिल हैं।
वोयोंगो ने कहा, “इन कार्यक्रमों के तहत मानव संसाधन विकास क्षेत्रों जैसे सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, जैवप्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता विकास और औजार डिजाइनिंग पर जोर दिया गया है।”
अक्रा में भारतीय उच्चायुक्त जीवन सागर ने कहा कि उनके देश से तमाम प्रतिभाएं और सामाजिक-सांस्कृतिक रंग मिलकर एक सर्वाधिक उपयोगी मानव संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा, “चाहे अमेरिका के राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) में एक भारतीय वैज्ञानिक हो, या हारवर्ड में कोई भारतीय प्रोफेसर, या हर जगह मौजूद भारतीय आईटी विशेषज्ञ, या कोई चिकित्सक या पश्चिम अफ्रीका में कोई इस्पात और सीमेंट निर्माता, वे सभी इस महान भारतीय सद्भाव एवं शांति की भावना को प्रदर्शित करते हैं।”