लखनऊ, 19 अक्टूबर – दिवाली पर बिकने वाले चीनी आइटमों पर भारत में बने आइटम भारी पड़ रहे हैं। इसे ‘मेक इन इंडिया’ की गूंज का असर माना जा रहा है। साथ ही सोशल साइट्स पर चीनी आइटमों के बहिष्कार करने की तमाम पोस्टों की वजह से इस बार लोग चीनी चीजें कम पसंद कर रहे हैं। दिवाली से संबंधित डिजाइनर दीये, झूमर, रंगोली, लक्ष्मीजी के चरण आदि से संबंधित तमाम चीजें बाजारों में उपलब्ध हैं। इस बार बाजारों में स्वदेशी चीजों पर लोग अधिक ध्यान दे रहे हैं। दुकानदार दीपक अरोरा ने बताया कि इस बार ज्यादातर ग्राहक देसी चीजों की मांग कर रहे हैं। भारत में बने दीयों के सामने चीनी दीयों की चमक फीकी पड़ गई है। खास बात यह कि इन चीजों में मूल्यों का भी कोई खास अंतर नहीं है।
थोक आतिश विक्रेता वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि उनके यहां चाइनीज आतिशबाजी की बिक्री न के बराबर होती है। लाइसेंसधारक दुकानदार चाइनीज आतिशबाजी नहीं बेचते हैं, क्योंकि देसी पटाखों के सामने चीनी आतिशबाजी कहीं नहीं टिकती। साथ ही चीनी आतिशबाजी छुड़ाने वाले के घायल होने की आशंका अधिक रहती है। इस वजह से देश में बनी आतिशबाजी की हर साल धूम रहती है।
वहीं मिट्टी के बने डिजायनर दीयों की मांग भी इस बार ज्यादा है। दुकानदारों के मुताबिक, आर्टिफिशियल रंगोली भी बाजार में मौजूद हैं। रंगोली के ट्यूब से वूडेन सांचे में भरकर इसे बनाया जा सकता है। चौखट पर लगने वाली ‘शुभ दीपावली’ की बेल और राजस्थानी झूमर भी खूब बिक रही है। लक्ष्मीजी और गणेशजी के साथ का होम डेकोरेशन सेट भी खूब बिक रहा है। शहर के बाजारों में मिट्टी के डिजायनर दियों की बिक्री भी खूब हो रही है।