नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। लोगों के पास बड़ी मात्रा में पड़े सोने को उपयोग में लाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक नई गोल्ड बांड योजना और गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में दोनों योजनाओं को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा, “स्वर्ण जमा योजना (मोनेटाइजेशन) का दीर्घकालिक उद्देश्य है घरेलू मांग की पूर्ति के लिए सोने के आयात पर निर्भरता घटाना।”
उन्होंने कहा, “गोल्ड बांड योजना से हर साल करीब 300 टन सोने की ईंटें और सिक्के की खरीदारी के कुछ हिस्से को बांड में स्थानांतरित करना है। इससे वास्तविक सोने की मांग कम होगी।”
गोल्ड बांड योजना के तहत कोई भी व्यक्ति हर साल अधिकतम 500 ग्राम सोने के बराबर मूल्य का बांड खरीद सकेगा, जिसकी लाक इन अवधि 5-7 साल होगी। इस पर एक निश्चित ब्याज भी दिया जाएगा।
जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि मोनेटाइजेशन योजना के तहत लोग अपना सोना एक निर्धारित एजेंसी में जमा कर सकेंगे, जिसके लिए उन्हें एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
जेटली ने कहा, “इस पर ब्याज भी देय होगा। इससे भारतीय रिजर्व बैंक के स्वर्ण भंडार में होने वाली कमी की भरपाई होगी।”
विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक, देश में लोगों और संस्थानों के पास करीब 22,000-33,000 टन सोना पड़ा हुआ है। देश को हर साल करीब 850-1,000 टन सोना आयात करना पड़ता है, जिस पर 35-45 अरब डॉलर खर्च होता है।
एक अधिकारिक बयान के मुताबिक, “मोनेटाइजेशन योजना से रत्न और आभूषण उद्योग को लाभ मिलेगा, जो निर्यात में बड़ा योगदान करता है। 2014-15 में निर्यात में इसकी 12 फीसदी हिस्सेदारी थी, जिसमें अकेले सोने के आभूषण का 13 अरब डॉलर से अधिक निर्यात हुआ।”
बयान में कहा गया है, “सोने की कीमत में बदलाव से संबंधित जोखिम स्वर्ण आरक्षी कोष उठाएगा, जिसका निर्माण हो रहा है।”
मोनेटाइजेशन योजना के तहत कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 30 ग्राम सोना लेकर 331 चुने हुए केंद्रों पर जा सकता है। वहां उसके सोने की जांच होगी और उसे जमा कर लिया जाएगा। इसकी एवज में एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। उसका एक स्वर्ण बचत खाता खुल जाएगा।
जमा सोने पर ब्याज मिलेगा। लघु अवधि के लिए जमा सोने को नकदी या सोने में छुड़ाया जा सकेगा। लेकिन इसे जमा किए गए आभूषण के रूप में नहीं छुड़ाया जा सकेगा।
जमा सोने का उपयोग नीलामी, सिक्के जारी करने और रिजर्व बैंक के भंडार में हुई कमी की भरपाई के लिए किया जाएगा। पर कर छूट भी होगी।
बांड का मूल्य ग्राम सोने में निर्धारित होगा और इसका भुगतान रुपये में किया जाएगा। बांड योजना के तहत एक व्यक्ति एक साल में अधिकतम 500 ग्राम मूल्य का बांड खरीद सकता है।
बांड की बिक्री मंजूरी दिए गए डाक घरों, बैंकों और गैर बैंकिंग कपनियों द्वारा की जाएगी।