नई दिल्ली, 13 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गोमांस के उपभोग के मुद्दे पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।
दायर याचिका में दिल्ली कृषि पशु संरक्षण अधियम के कुछ खास प्रावधानों को रद्द करने की मांग की गई है। अधिनियम के तहत राष्ट्रीय राजधानी में गोमांस रखना और खाना अपराध है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढ़ींगरा सहगल की खंडपीठ ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से इस मामले में 14 सितम्बर तक जवाब दाखिल करने को कहा। जनहित याचिका गत चार मई को दायर की गई थी।
अदालत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विकास के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में कहा गया है कि किसी को अपनी पसंद का भोजन करने का अधिकार जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न हिस्सा है।
याचिका में कहा गया है कि किसी धार्मिक समुदाय की प्रथा को लागू करने के लिए संविधान राज्य को कानून बनाने का आदेश नहीं देता है।
याचिका में यह भी कहा गया है, “पशु संरक्षण अधिनियम के तहत गोमांस रखने और खाने पर प्रतिबंध याचिकाकर्ता और दिल्ली में रहने वाले अन्य लोगों के मूल अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि यह उनकी निजी स्वतंत्रा को बाधित करता है।”