मुंबई, 23 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में गोमांस प्रतिबंधित करने के विरोध में मंगलवार को कसाइयों, छात्रों और राजेनताओं सहित हजारों लोग साथ में रैली करेंगे। यह जानकारी सोमवार को एक कार्यकर्ता ने दी।
मार्च के आयोजकों में से एक सर्वश्रमिक संघ के सचिव विजय दलवी ने कहा, “गोमांस के व्यापार के साथ 10 लाख से अधिक लोगों की जीविका प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी हुई है और राज्य में गोमांस प्रतिबंधित होने से इससे जुड़े उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।”
दलवी ने कहा, “गोमांस पर प्रतिबंध से अन्य मांसाहारी सामान जैसे मटन, चिकन और मछली महंगे हो गए हैं जिससे रेस्तरां और भोजनालयों के मेन्यू में चढ़ती कीमतों को बढ़ावा मिलेगा।”
उन्होंने बताया कि यह रैली देवनार बूचड़खाने से शुरू होगी और आजाद मैदान में जाकर समाप्त होगी।
इस रैली में गोमांस उद्योग के प्रतिनिधियों के अलावा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के छात्रों, गैर सरकारी संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य पार्टी के नेताओं के जुड़ने की संभावना है।
दलवी ने कहा कि राज्य सरकार के सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य में 978,000 लाइसेंसधारी सीधे तौर पर गोमांस, मटन और चिकन उद्योग से जुड़े हैं। इनमें लगभग 20 फीसदी लोग गोमांस के उद्योग से जुड़े हैं।
इसके अलावा पैकिंग करने वाले, टेनर्स और छोटे किसान जो वध के लिए अपने पशुओं को बेच देते थे वे प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं।
दलवी ने दावा किया कि, “सभी समुदायों के लोग बड़े पैमाने पर गोमांस के व्यापार से जुड़े हुए हैं। इनमें हिंदू, मुस्लिम, दलित, ओबीसी (अन्य पिछला वर्ग) आदि सभी वर्गो और धर्मो के लोग हैं जो कि अब परेशान हैं।”
वकील विशाल सेठ और छात्र शाहिना सेन ने पिछले हफ्ते मुंबई उच्च न्यायालय में महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम लागू करने के फैसले को चुनौती दी है, जिससे राज्य में गाय के वध और उसके मांस के खपत और व्यापार को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति वी.एम. कनाडे और न्यायमूर्ति ए.आर. जोशी की खंडपीठ इस याचिका पर जल्द ही सुनवाई कर सकती है।