ईसाई धर्म में भगवान यीशु का विशेष स्थान है जिन्होंने एक चरवाहे के घर जन्म लेकर संसार को इंसानियत और धर्म पर चलने का रास्ता दिखाया. भगवान यीशु ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर ईसाई धर्म को विश्व भर में लोकप्रिय बनाया.
ईसा मसीह ईसाई धर्म के प्रवर्तक माने जाते हैं. ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिमूर्ति का तृतीय सदस्य मानते हैं. ईसा की जीवनी और उपदेश बाइबिल में दिये गए हैं .ईसा मसीह मानवता के रक्षक थे. उनका सुविचार था कि कभी क्रोध मत करो, सत्य बोलो, आदि और सबसे अहम था कि इंसान को खुद को उस परमात्मा का पुत्र मानना चाहिए. ईसा मसीह ने अपना सारा जीवन मानवता के लिए बलिदान कर दिया. अपने जीवन में सभी अच्छे कर्म करने के बाद भी ईसा मसीह को कई लोगों का विरोध झेलना पड़ा और अंत में एक षड़यंत्र के तहत उन्हें पकड़ कर सूली पर टांग अत्यंत क्रूर मौत दी गई.
ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह ने प्राण त्यागे थे उस दिन शुक्रवार था और इसी की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है. लेकिन अपनी मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो उठे थे और उस दिन रविवार था. इस दिन को ईस्टर सण्डे कहते हैं. गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं.