नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक दशक से अधिक समय पाकिस्तान में बिता कर स्वदेश लौटने वाली गीता को भारत-पाकिस्तान की एकता का प्रतीक बताया। मंगलवार को दिल्ली में समय बिताने के बाद गीता को इंदौर ले जाया गया। वह इंदौर की एक स्वंयसेवी संस्था द्वारा संचालित मूक बधिर लोगों के संस्थान में रहेगी।
प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में 23 साल की मूक-बधिर गीता से मुलाकात की और उसे आशीर्वाद दिया।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रणब ने गीता से कहा, “आप दोनों देशों की बेटी हैं, आप भारत-पाकिस्तान की एकता का प्रतीक हैं। भगवान ने आपकी प्रार्थनाओं को सुन लिया।”
प्रणब ने पाकिस्तान में गीता का ध्यान रखने लिए ईदी संस्था और संस्था की बिलकीस बानो ईदी का आभार व्यक्त किया।
गीता साल 2003 में गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गई थी। उस समय उसकी उम्र लगभग 11 वर्ष थी।
लाहौर में पाकिस्तान रेंजर्स ने गीता को देखा था और उन्होंने उसे ईदी संस्था को सौंप दिया था, जिसने अब तक उसकी देखभाल की। इस संस्था की संचालक बिलकीस ईधी ने उसका नाम गीता रखा था।
राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले गीता ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल से मुलाकात की। केजरीवाल ने गीता से एक फेसिलेटर की मदद से सांकेतिक भाषा में बातचीत की।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने गीता से पूछा कि उन्होंने पाकिस्तान में अपनी जिंदगी किस तरह बिताई और वह पाकिस्तान कैसी पहुंचीं।”
गीता ने सिविल लाइन स्टेशन से पटेल चौक स्टेशन तक मेट्रो से यात्रा की। उसने पटेल चौक पर दिल्ली मेट्रो का संग्रहालय भी देखा।
राष्ट्रपति और केजरीवाल से मुलाकात और मेट्रो के सफर के दौरान ईधी फाउंडेशन के सदस्य भी गीता के साथ थे।
गीता ने सोमवार को भारत पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सांकेतिक भाषा में बातचीत की थी। मोदी ने बिलकीस ईदी का आभार जताया। उन्होंने फाउंडेशन को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की।
मोदी ने ट्वीट में कहा था, “ईदी ने जो किया है उसका कोई मोल नहीं हो सकता लेकिन मुझे एक करोड़ की राशि देने के ऐलान से खुशी महसूस हो रही है।”
मंगलवार को ईदी फाउंडेशन ने मोदी की आर्थिक मदद को लेने से विनम्रता से मना कर दिया।
डॉन अखबार की रपट के मुताबिक फाउंडेशन के प्रवक्ता अनवर काजमी ने कहा, “ईदी ने प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया कहा और विनम्रता से मदद लेने से मना कर दिया।”
इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि संस्था ने प्रधानमंत्री की ओर से दी गई मदद को स्वीकार किया है।
दिल्ली में समय बिताने के बाद गीता केंद्रीय सामाजिक न्याय और कल्याण मंत्री थावर चंद गहलोत के साथ इंदौर पहुंची। हवाई अड्डे पर मौजूद महापौर मालिनी गौड़ और विधायक अर्चना चिटनीस सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। गीता को हवाई अड्डे से मूक बधिर संस्थान ले जाया गया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा गीता को इंदौर भेजने के ऐलान के बाद से यहां के लोग और मूक बधिर बच्चे उसके स्वागत को लेकर खासे उत्साहित थे।
गीता से इंदौर के मूक बधिर संस्थान के बच्चे बीते एक पखवाड़े में कई बार स्काईप के जरिए सांकेतिक भाषा में संवाद कर चुके हैं।