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 गर्मी में मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम ज्यादा | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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गर्मी में मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम ज्यादा

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में सात वर्षीय एक लड़के की मौत वेस्ट नाइल फीवर से हो गई। वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) ने स्पष्ट रूप से लड़के के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित किया, जिससे जटिलताएं हुईं और दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वेस्ट नाइल वायरस क्यूलेक्स मच्छर फैलाता है, जो गर्मियों में अधिक सक्रिय रहता है।

भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपीआई) के अनुसार, मई 2011 में केरल में तीव्र एंसेफलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप के दौरान, नैदानिक नमूनों में डब्ल्यूएनवी की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी। तब से केरल में डब्ल्यूएनवी इंसेफेलाइटिस के मामले नियमित रूप से सामने आते रहे हैं। डब्ल्यूएनवी फैलाने वाला क्यूलेक्स मच्छर गर्मियों में अधिक सक्रिय होता है।

हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि गर्मियों में वेस्ट नाइल बुखार से मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। डब्ल्यूएनवी पक्षियों और मच्छरों के बीच संचरण चक्र के जरिए प्रकृति में बना रहता है। इससे मनुष्य, घोड़े और अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि मनुष्य संक्रमित मच्छरों के काटने से इस संक्रमण का शिकार होता है। वायरस अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या अन्य ऊतकों के संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। यह अंग प्रत्यारोपण, रक्त आधान यानी ट्रांसफ्यूजन और स्तन के दूध के माध्यम से भी हो सकता है। हालांकि आकस्मिक संपर्क के माध्यम से डब्ल्यूएनवी के किसी भी मानव से मानव संचरण का मामला सामने नहीं आया है। यह संक्रमण डेंगू या चिकनगुनिया जैसा हो सकता है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मच्छर का चक्र पूरा होने में 7-12 दिन लगते हैं। इसलिए, अगर पानी को स्टोर करने वाले किसी भी बर्तन या कंटेनर को सप्ताह में एक बार अच्छी तरह से साफ किया जाता है, तो मच्छरों के प्रजनन की कोई संभावना नहीं है।

उन्होंने बताया कि ववेस्ट नाइल फीवर प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, शरीर में दर्द, मितली, उल्टी, त्वचा पर चकत्ते (सिर्फ कभी-कभी) और लिम्फ ग्रंथियों में सूजन शामिल है। जैसे ही स्थिति गंभीर हो जाती है, गर्दन की जकड़न, भटकाव, कोमा, कंपकंपी, मांसपेशियों में कमजोरी और पक्षाघात हो सकता है।

उन्होंने कहा, “संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों के काटने से बचना है। इन कीटों से बचाने वाली क्रीम का उपयोग करें, लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें और घर के अंदर-बाहर मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठाएं।”

डॉ. अग्रवाल के कुछ सुझाव :

* मच्छर मनी प्लांट के गमले में या छत पर पानी की टंकियों में अंडे दे सकते हैं, अगर वे ठीक से ढके न हों। यदि छतों पर रखे गए पक्षियों के पानी के बर्तन को हर हफ्ते साफ करें, नहीं तो मच्छर उनमें भी अंडे दे सकते हैं।

* मच्छरदानी या मॉस्क्यूटो रेपेलेंट का उपयोग करने का प्रयास करें।

* पूरे बाजू की कमीज और ट्राउजर पहनने से मच्छरों के काटने से बचा जा सकता है। मच्छर से बचाने वाली क्रीम का उपयोग दिन में किया जा सकता है।

गर्मी में मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम ज्यादा Reviewed by on . नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में सात वर्षीय एक लड़के की मौत वेस्ट नाइल फीवर से हो गई। वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) ने स्पष्ट र नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में सात वर्षीय एक लड़के की मौत वेस्ट नाइल फीवर से हो गई। वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) ने स्पष्ट र Rating:
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