नितिन ठाकुर/इछावर-
शहीदों की चिताओं पर हर वर्ष लगेंगे मेले ,वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा लेकिन मप्र शासन के अधिकारी भूल गए अपने ही क्षेत्र के शहीद ओमप्रकाश मर्दानिया की शहादत को.केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का संसदीय क्षेत्र,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विशेष कृपापात्र जिला होने के बाद भी भूल गए शहीद को.
ब्लाक के चप्पे चप्पे पर गणंतत्र दिवस की धूमधाम है शासन प्रशासन के साथ लोग भी जश्न मनाने में मशगूल है लेकिन इसे चूक कहे या लापरवाही कि मातृभूमि पर मर मिटने वाले अमर शहीद ओम प्रकाश मरदानिया की किसी को याद ही नही आई। 13 मार्च सन् 2013 को श्रीनगर में शहीद हुए इस वीर पुत्र की अंत्येष्टि में शामिल होने मुख्यमंत्री शिवराजसिहं चौहान समेत कई नामचीन हस्तिंया इछावर के ग्राम शाहपुरा पहुची थी। घोषणांए की गई थी कि शहीद स्मारक का निर्माण 15 दिन के अंदर किया जाएगा और शहीद ओमप्रकाश मरदानिया के निवास से स्मारक तक पक्की सड़क बनवायी जाएगी लेकिन उसकी शहादत के 22 माह गुजर जाने के बावजूद अब तक भी कुछ नही हो पाया।
इछावर के शाहपुरावासियों का सबसे बडा दर्द यह है कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2014 को इस शहीद के परिवार तक की भी खैरखबर लेना प्रशासन ने उचित नही समझा समूचे ब्लाक में गणतंत्र दिवस समारोहपूर्वक मनाया जा रहा है लेकिन विडम्बना है कि गणंतत्र की रक्षा करने वाले शहीद के ही परिवार को नजर अदाज किया गया यह चूक है भूल है या लापरवाही लेकिन कही न कही देश पर मर मिटने वालों को याद रखने का दायित्व सरकार के साथ समाज का भी बनता है
आज अमेरिका के राष्टपति बराक ओबामा को इसी राष्ट में मुख्यअतिथि के रूप में खिदमत के लिए गणंतत्र दिवस के अवसर पर बुलाया गया है और इस देश की चुनिदां सेनिक टुकडियां उन्हें सलाम दे रही है लेकिन वही सैनिक जो देश के लिए मर मिटे उन्हें भारत की सरकार के द्वारा लगातार नजर अदाज किया जा रहा है अमर शहीद ओमप्रकाश मरदानिया की मां मेनु बाई रोते रोते बताती है कि खिजमत,खिलाफत के बीच मेरे इस षहीद पुत्र की खेरियात को किसी ने भी तवज्जों देना उचित नही समझा। यह एक शर्मसार कर देने वाला मामला है फिर भी इछावर की माटी वीरों से रहित नही है जब भी भारत माता के लिए षीष कटाने की नौबत आएगी इस माटी के लाल सदैव तैयार है।