चंडीगढ़, 28 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पहली सरकार के पास बीते 13 महीनों के शासन के दौरान भले ही उपलब्धियां गिनाने को कुछ नहीं है, लेकिन ईश्वर की भक्ति में तल्लीन सरकार राज्य के लोगों के लिए पौराणिक कथा को हकीकत में तब्दील करने के लिए कमर कस चुकी है।
चंडीगढ़, 28 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पहली सरकार के पास बीते 13 महीनों के शासन के दौरान भले ही उपलब्धियां गिनाने को कुछ नहीं है, लेकिन ईश्वर की भक्ति में तल्लीन सरकार राज्य के लोगों के लिए पौराणिक कथा को हकीकत में तब्दील करने के लिए कमर कस चुकी है।
पौराणिक कथाओं में चर्चा में आई सरस्वती नदी को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए धार्मिक प्रकृति की खट्टर सरकार ने न सिर्फ अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं, बल्कि इसके लिए कदम भी उठाए हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री व हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास समिति (एचएसएचडीबी) के अध्यक्ष खट्टर ने सरस्वती नदी की खुदाई के कार्य को युद्धस्तर पर निपटाने का निर्देश जारी किया है। पेलियो चैनल की स्थापना, बोरिंग खुदाई, कार्बन डेटिंग व अन्य कार्यो के लिए तीन करोड़ रुपये के बजट के साथ पहले चरण की पहल पहले ही की जा चुकी है।
खट्टर ने यहां कहा, “तीन जिलों- यमुनानगर, कुरूक्षेत्र व कैथल में बसंत पंचमी के मौके पर तीन दिवसीय सरस्वती महोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें लोगों को सरस्वती के बारे में जानकारी दी जाएगी व इससे संबंधित साहित्यों का वितरण किया जाएगा। साथ ही कुछ विद्वान सरस्वती के बारे में अब तक की गई खोजों से भी लोगों को अवगत कराएंगे।”
हिंदू धर्म में बेहद पवित्र मानी जाने वाली सरस्वती नदी का वर्णन हिंदू धर्मग्रंथों जैसे ऋग्वेद, महाभारत, रामायण व अन्य ग्रंथों में मिलता है, जो मान्यताओं को साबित करता है कि उस दौर में इस नदी का अस्तित्व था।
इस मामले में खट्टर सरकार की गंभीरता के संकेत के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस.धेसी के नेतृत्व में एक संचालन समिति का गठन किया गया है, जो नदी के जीर्णोद्धार में उठे मुद्दों का समाधान करेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव व लोक निर्माण, पर्यटन, कृषि, सिंचाई, सांस्कृतिक मामले, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तथा राजस्व विभाग के प्रधान सचिवों सहित शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, “सरस्वती नदी के बारे में लोगों तक जानकारी व्यापक तौर पर पहुंचे, इसके लिए कुरूक्षेत्र, कैथल व यमुनानगर के जिला पुस्तकालयों में इससे संबंधित पुस्तकें, शोध पत्र व अन्य सामग्रियां उपलब्ध कराई जाएगी। जिलों में डिजिटल पुस्तकालय की भी स्थापना की जाएगी।”
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा जारी एक नोट में हाल में कहा गया, “समिति हरियाणा में सरस्वती विरासत के अतीत व वर्तमान को सामने लाने व उसे समझने के लिए बेहद सावधानीपूर्वक कार्य करेगा, ताकि सांस्कृतिक प्रतिमानों व मूल्यों को सामने लाया जा सके। साथ ही यह सरस्वती विरासत इलाके के विभिन्न पुरातात्विक-सांस्कृतिक पहलुओं को संरक्षित करने व बढ़ावा देने में मदद करेगा।”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक रहे खट्टर व भाजपा के अन्य मंत्री पौराणिक नदी के पुनर्जीवन में पूरी श्रद्धा के साथ काम कर रहे हैं।