कुल-पति यानी उस वैचारिक समूह का अधिपति होना उस वैचारिक वर्ग हेतु गर्व का विषय है.आज कल चर्चे हैं माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कौन बनेगा कुलपति?
वर्तमान कुलपति ने तो कुल की मर्यादा को तार -तार कर दिया,पढ़े लिखे पत्रकार तो धन-पशुओं के गुलाम हो गये हैं वाह रे राजनैतिक सोच इन समाज सुधारकों को रोटी के चक्कर मे ऐसा उलझा दिया की भाइयों को चक्कर आ गये.सत्ता पक्ष के पास धन जनता का आता है लेकिन उसे खर्च वह अपनी भलाई मे करती है,अपने हिसाब से करती है ,अंधा बांटे रेवड़ी चीन्ह- चीन्ह के देय.
और ऐसे संस्थानों के जहां से समाज के विरुद्ध सोच के लिये कार्यवाही के पुरोधा आजकल तैयार किये जा रहे हैं ऐसे जोड़ -तोड़ वाले कुलघाती को घुसेड़ देती है कि कुल तो आकुल हो कर विक्षिप्त हो जाता है.अपने उद्देश्य से भटक कर वह उस अकुलीन द्वारा फैलाई गंदगी मे उलझ जाता है.सबसे बड़ा प्रभाव पड़ता है हमारे किशोर-युवाओं पर ,जिन्हे हम भविष्य का राष्ट्र निर्माता मानते हैं.
हम बात कर रहे थे भोपाल स्थित माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति पद के चयन की– वर्तमान कुलपति कुठियाला का कार्यकाल खत्म होने को है लेकिन वे इसे छोड़ना नहीं चाहते,वे जानते हैं की यदि वे यहाँ से हटे तो कारागार निवासी होना तय है,समाज मे थू-थू तो हो चुकी है लेकिन बंदीगृह गये तो ये अय्याशियाँ नहीं मिलेंगी,खैर थू-थू से क्या होता है वह तो आजकल प्रतिष्ठा का तमगा माना जाता है.उन्हें संघियों और मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है कि उनका मान वे बचाये रखेंगे.
समाज मे थू-थू तो हो चुकी है लेकिन बंदीगृह गये तो ये अय्याशियाँ नहीं मिलेंगी,खैर थू-थू से क्या होता है वह तो आजकल प्रतिष्ठा का तमगा माना जाता है.उन्हें संघियों और मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है कि उनका मान वे बचाये रखेंगे.
हाँ यदि वे नहीं बने तब कौन होगा कई फाटेस्ट फिंगर कि कुर्सी पर लदे पड़े हैं भाई लेकिन कुठियाला हैं कि लाइफ-लाइन लिये जा रहे हैं और कोई अभी कोई समय कि पाबंदी भी नहीं,लक्ष्मीकांत शर्मा कि ऐतिहासिक मेहनत से वे भी बल और धैर्य ले रहे हैं,भला हो पूर्व मंत्री कि जोड़-तोड़ के परिणाम का जो आ गया वही रास्ता इन्हे भी अनुकूल लग रहा है,हाँ रमेश शर्मा जी इस दौड़ मे सबसे आगे हैं,परमार का नाम भी आ रहा है लेकिन ये कुठियाला के विरोधी हैं और कई चेले कुठियाला के लिये नहीं अपने भविष्य के लिये इनसे आक्रांत है.वर्तमान भाजपा मीडिया प्रभारी भी इस योग्यता को सुशोभित कर सकते हैं यह सूत्रों का विचार है,कुछ और भी छुपे तौर पर इस पद को ताके हुए हैं लेकिन योग्यता एकदम बलबला रही है इंतजार है कौन बनेगा करोड़पति कुलपति?
अनिल सिंह