कोलकाता, 28 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में टैक्सी चालकों की 24 घंटे की हड़ताल के कारण बुधवार को यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह हड़ताल किराया वृद्धि की मांग और पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ की गई है।
अगस्त 2014 से लेकर अब तक स्थानीय टैक्सी चालकों की यह 10वीं हड़ताल है।
अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) द्वारा प्रायोजित हड़ताल के कारण टैक्सियां सड़कों से नदारद रहीं, जिस कारण यात्री असहाय और परेशान दिखे।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) और इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी) ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
पूरे शहर में ऑटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा स्टैंडों पर यात्रियों की लंबी कतारें देखी गईं, वहीं बसें खचाखच भरी रहीं।
हावड़ा, हुगली और दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के निवासी भी इस हड़ताल से प्रभावित हुए।
बंगाल टैक्सी संघ (बीटीए) ने मुख्य स्थानों जैसे हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशनों पर टैक्सी सेवा उपलब्ध कराई है। बीटीए इस हड़ताल में भाग नहीं ले रही है।
बीटीए के बिमल गुहा के मुताबिक एक हेल्पलाइन सेवा स्थापित की गई है, जिसके माध्यम से यात्री अपने घर पर टैक्सी बुला सकते हैं।
पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ अनधिकृत हड़ताल और विरोध मार्च करके टैक्सी चालक पहले भी नौ बार शहर में हड़ताल कर चुके हैं।
सरकार ने पिछले साल अगस्त में 22 टैक्सी चालकों को बर्बरता के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर हड़ताल में शामिल न होने वाले टैक्सी चालकों के वाहनों में तोड़-फोड़ करने का आरोप था। उन्हें चार दिनों तक जेल में रखा गया था और उसके बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
कोलकाता में तकरीबन 37,000 टैक्सियां चलती हैं।