कोलकाता, 27 मई (आईएएनएस)। कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सोमवार को शारदा चिटफंड घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने सीबीआई से सात दिनों की मोहलत मांगी।
कुमार को सुबह 10.30 बजे पूछताछ के लिए उपस्थित होना था, लेकिन उन्होंने एक पत्र लिखकर निजी कारणों से एक सप्ताह की मोहलत मांगी।
सीआईडी के दो अधिकारी साल्ट लेक स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय गए और वहां पत्र सौंपा।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब पश्चिम बंगाल सरकार ने कुमार को फिर से सीआईडी का अतिरिक्त महानिदेशक बना दिया। निर्वाचन आयोग ने कुमार को इस पद से हटा कर 15 मई को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया था।
राज्य सरकार ने एक अधिसूचना में कहा है कि कुमार को फिर से पद पर बहाल किया जाता है, क्योंकि आदर्श आचार संहिता समाप्त हो गई है।
सीबीआई ने रविवार को कुमार को उनके आवास और कार्यालय में नोटिस तामील कराई थी और उन्हें सोमवार सुबह 10.30 बजे साल्ट लेक कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा था।
सीबीआई टीम ने यह नोटिस तब जारी किया, जब वे उनका पता लगा पाने में विफल रहे। एजेंसी ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के लिए एक लुकआउट नोटिस भी जारी किया और उनके विदेश भागने के किसी प्रयास को विफल करने के लिए सभी हवाईअड्डों को अलर्ट कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने पांच फरवरी के अपने आदेश में राजीव कुमार को गिरफ्तारी से जो संरक्षण दिया था, उसे 17 मई को वापस ले लिया। न्यायालय ने हालांकि उन्हें राहत के लिए किसी उपयुक्त अदालत में जाने के लिए सात दिनों का समय दे दिया था।
कुमार ने गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ाने के लिए पिछले सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।