धर्मपथ-जब भी आप खांसें या झीकें तो अपनी कोहनी मुंह के आगे रख लें. नियमित तौर पर हाथ धोते रहें. जब भी बाहर से घर आएं, खाना बनाने से पहले और उसके दौरान, खाना खाने से पहले, खांसने और झींकने के बाद, जानवरों को छूने के बाद, बीमार लोगों के संपर्क में आने से पहले और उसके बाद और शौच के बाद जरूर हाथ धोएं. लोगों के बहुत ज्यादा करीब ना जाएं और सामाजिक दूरी बना कर रखें. इस तरह से ना आप सिर्फ अपने आपको बचाते रह सकते हैं बल्कि इस वायरस को फैलने से रोकने में भी मदद दे सकते हैं.
चूंकि यह वायरस बहुत ही तेजी से फैल रहा है, इसलिए जरूरी है कि सब लोग पूरी सावधानी से काम लें और देश के स्वास्थ्य तंत्र पर बोझ ना बढ़ाएं. जर्मनी में कोविड -19 की रोकथाम और नियंत्रण से जुड़ी संघीय एजेंसी रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष लोथार वीलर कहते हैं कि एहतियाती उपायों पर बिना किसी लापरवाही के अमल होना चाहिए. वरना जर्मनी जैसे देश में दो से तीन महीनों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर एक करोड़ तक हो सकती है. जर्मनी जैसे साफ सुथरे और विकसित देश में स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है तो सोचिए गरीब और विकासशील देशों में क्या हालात होंगे जहां स्वास्थ्य सेवाएं बहुत अच्छी नहीं हैं.
किसी भी प्रभावी और सुरक्षित टीके को तैयार होने में कई साल का समय लगता है. जर्मनी के एसोसिएशन ऑफ रिसर्च बेस्ड फार्मास्यूटिकल कंपनीज के अनुसार कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनिया भर में कम से कम 47 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक है जर्मनी की क्यूरवेक.