भुवनेश्वर, 11 मार्च (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक विशेष अदालत द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में सम्मन भेजने के बाद कांग्रेस और भाजपा ने बुधवार को उम्मीद जताई कि इस मामले में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
नवीन पटनायक ने 2005 में केंद्र सरकार से सिफारिश की थी कि तालाबीरा द्वितीय कोयला ब्लॉक का आवंटन हिंडाल्को को किया जाए।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा, “अगर भ्रष्टाचार के मामले में प्रथम दृष्टया कोई सबूत है तो केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को किसी भी व्यक्ति को सम्मन भेजने और उससे पूछताछ करने का अधिकार है। लेकिन मैं इस बात पर आश्चर्यचकित हूं कि सीबीआई इस पूरे मामले में ओडिशा के मुख्यमंत्री की भूमिका को भूल गई है।”
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने पहले ही साफ कर दिया है कि हिंडाल्को कंपनी को ओडिशा के मुख्यमंत्री की सिफारिश पर कोयला ब्लॉक का आवंटन किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष के.वी. सिंघदेव ने आशा जताई कि इस मामले में नवीन पटनायक को भी सम्मन भेजा जा सकता है।
सिंघदेव ने संवाददाताओं से कहा, “जांच से कोई भी नहीं बच सकता.. फिर चाहे पूर्व प्रधानमंत्री हों अथवा मुख्यमंत्री। मुझे आशा है कि हिंडाल्को के समर्थन में कोयला ब्लॉक आवंटन की सिफारिश करने के कारण मुख्यमंत्री को भी इस मामले में अदालत द्वारा सम्मन भेजा जा सकता है। थोड़ा इंतजार कीजिए।”
बीजू जनता दल (बीजद) हालांकि बचाव की मुद्रा में दिखा और केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ने के प्रयास में रहा। बीजद ने कहा कि इस मामले पर फैसला लेने का अधिकार निर्णायक अधिकारी पर है।
बीजद प्रवक्ता अमर सत्पथी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने केवल मामले की सिफारिश की थी और इस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना था। हमें सिफारिश करने वाले अधिकारी और अंतिम फैसला लेने वालों के बीच के अंतर को समझना होगा।”