नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिशों को नजरंदाज करते हुए केंद्र सरकार ने रविशंकर झा को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना 10 जून से प्रभावी होगी।
भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने 10 मई को न्यायमूर्ति ए.ए. कुरैशी को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार बताते हुए अपनी सिफारिश दी थी। न्यायमूर्ति ए.ए. कुरैशी वर्तमान में गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं।
न्यायमूर्ति कुरैशी की नियुक्ति के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा, “न्यायमूर्ति ए.ए. कुरैशी गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठतक न्यायाधीश हैं और वर्तमान में तबादले पर मुंबई उच्च न्यायायल में कार्यरत हैं। सभी संबद्ध कारकों को ध्यान में रखते हुए कॉलेजियम की राय है कि न्यायमूर्ति ए.ए. कुरैशी मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए हर दृष्टि से योग्य हैं।”
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार सेठ नौ जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए कॉलेजियम ने यह सिफारिश की है।
हालांकि कॉलेजियम की सिफारिश अभी लंबित है, लेकिन केंद्र ने इस बीच अधिसूचना जारी कर दी है।
अधिसूचना के अनुसार, “भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 के तहत प्राप्त शक्तियों द्वारा राष्ट्रपति की कृपा है कि मध्यप्रदेश के वरिष्ठतम न्यायाधीश रविशंकर झा को मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार सेठ की सेवानिवृत्ति के बाद 10 जून, 2019 से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार सौंपा जाए।”
केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति आर. एस. चौहान को प्रोन्नति प्रदान करने को अभी मंजूरी प्रदान नहीं की है। कॉलेजियम ने उन्हें प्रोन्नत कर तेलंगाना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है।
इसी प्रकार केंद्र ने अभी मद्रास उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश वी. रामासुब्रह्मण्यम को प्रोन्नति प्रदान करने को भी मंजूरी नहीं दी है। उनको प्रोन्नति प्रदान कर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।