अनिल सिंह(धर्मपथ)-भोपाल- कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता के. के. मिश्रा ने एक अखबार मे बयान दे कर पूरी कॉंग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है.मिश्रा के सुधार कार्यों को विवादों में जब उनके ही साथियों ने ला दिया तब मिश्रा उखड़ गये और वह बयान दे डाला जिससे कॉंग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता कटघरे में खड़ा हो गया सिर्फ मिश्रा को छोड़कर.
हिंदुस्तान टाइम्स के आशुतोष शुक्ला को दिये एक इंटरव्यू में मिश्रा ने कहा की वे शराबी नहीं हैं,औरतखोर नहीं हैं और ना ही भ्रष्ट हैं.यह बयान उन्होने तब दिया जब उनका विरोध कर रहे लोगो की सोच पर उनका मत जाना गया.उन्होने कहा की मेरी मेहनत से लोग नाराज रहते हैं.
मिश्रा ने वरिष्ठ नेता कैप्टन जयपाल सिंह से उनका कमरा खाली करवा लिया और प्रवक्ताओं की भारी-भरकम संख्या से कॉंग्रेस दल को मुक्ति दिलवाई.प्रवक्ताओं की 20 से एक पर संख्या के.के. मिश्रा लाने में सफल हुए.इनकी इसी कार्यशैली का विरोध हुआ और आज यह घमासान सामने आया है.
भाजपा में भी है प्रवक्ताओं की फ़ौज
भाजपा में वैसे तो मात्र 4 प्रवक्ता अधिकृत हैं ,चुनाव के समय ज्यादा कार्य होते हुए 11 और प्रवक्ताओं की नियुक्ति की गयी थी जो समयकालीन थे और चुनाव के बाद उनकी नियुक्ति निरस्त हो गयी थी लेकिन पता नहीं क्या दबाव बना की आज भी ये प्रवक्ता बिना आदेश के प्रवक्ता बने हुए हैं और उन्हे यह करते देखना संगठन की मजबूरी बन गयी है.संगठन उनसे यह भी नहीं कह पा रहा की वे ऐसा ना करें और एक गलत परंपरा को ढोने के लिये मजबूर दिखता नजर आ रहा है .