तिरुवनंतपुरम, 16 मार्च (आईएएनएस)। केरल विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने पांच विधायकों को शेष सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया।
सदन के पांच सदस्यों ई. पी. जयराजन, के. टी. जलील, के. अजीत, वी. शिवन कुट्टी और के. कुनहमद को सदन में शुक्रवार को उनके अभद्र आचरण के लिए निलंबित किया गया है।
सदन में शुक्रवार को वाममोर्चा के सदस्यों ने वित्त मंत्री के. एम. मणि को भ्रष्ट बताते हुए उनके बजट पेश करने का विरोध किया था और अध्यक्ष की कुर्सी और टेबल पर लगे इलेक्ट्रिक उपकरणों को तोड़ दिया था।
सदन की कार्यवाही जब सोमवार को शुरू हुई, तब सब कुछ ठीक था, लेकिन एक घंटे के प्रश्न काल के बाद अध्यक्ष एन. शकथन ने कहा कि शुक्रवार की घटना से सदन के अंदर और बाहर हर किसी को शर्मिदा होना पड़ा है।
दो घंटे बाद सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तब चांडी ने घोषणा की कि उन्होंने पांच विधायकों को निलंबित करने का निश्चय किया है।
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को विरोध जताने का अधिकार है, लेकिन यह शालीनता और सभ्यता के दायरे में होना चाहिए।”
विपक्ष के नेता वी. एस. अच्युतानंदन ने अध्यक्ष के मनमाने रवैये और सरकार के फैसले की निंदा की।
उन्होंने कहा, “हमने पहले ही आगाह किया था कि यदि मणि सदन में बजट पेश करेंगे, तो हालात बिगड़ सकते हैं। इस पूरे वारदात के लिए दो लोग दोषी हैं-मणि और चांडी।”
इसके बाद विपक्षी सदस्य सदन के बीच में आकर शोर मचाने लगे और अध्यक्ष के बार-बार अनुरोध करने पर भी निलंबित विधायकों ने सदन से बाहर जाने से मना कर दिया।
अच्युतानंदन ने बाद में कहा कि वाममोर्चा का विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक मणि इस्तीफा नहीं दे देते।