तिरुवनंतपुरम, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई के पूर्व अध्यक्ष वी. मुरलीधरन के 48 घंटे के अनशन के अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल में तब्दील के होने के साथ भाजपा ने शुक्रवार को केरल लॉ अकादमी के खिलाफ आन्दोलन तेज करने का फैसला किया।
मुरलीधन का अनशन आज (शुक्रवार) अपराह्न् समाप्त होने वाला था।
पिता-पुत्री द्वय नारायण नायर और लक्ष्मी नायर द्वारा संचालित निजी लॉ कॉलेज नियमों के उल्लंघन को लेकर हाल में आक्रोश का शिकार बन गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. राजशेखरन ने कहा, “स्थिति इतनी गंभीर है कि उल्लंघन की जगह प्रबंधन द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों के बारे में पूछना अधिक आसान है। हमने 48 घंटे के अनशन को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में तब्दील करने का फैसला किया है।”
राज्य सचिवालय के सामने शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र शाखा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएएसएफ) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। छात्र प्राचार्य लक्ष्मी नायर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन अब तीसरे सप्ताह में प्रवेश कर कर गया है। नायर के ‘रुखे और अशिष्ट व्यवहार’ के टेप पेश करने के बाद वे प्राचार्य के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
केरल विश्वविद्यालय की नौ सदस्यीय सिंडिकेट जांच टीम की तीन दिवसीय बैठक के दौरान अनेक छात्रों और अभिभावकों ने उसके समक्ष शिकायतें दर्ज कराईं। जांच टीम की बैठक गुरुवार को समाप्त हो गई और वह शनिवार को सिंडिकेट के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वी. एम. सुधीरन, राजशेखरन, और विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, भारतीय कम्युनिस्ट पाटी के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन समेत प्रत्येक तमाम बड़े राजनीतिक नेताओं ने छात्रों की हड़ताल का समर्थन किया है।
नारायणन नायर ने साल 1968 में कॉलेज की स्थापना की थी। वह अभी संस्थान के निदेशक हैं। केरल लॉ अकादमी के पूर्व छात्रों में कई प्रमुख राजनेता, न्यायाधीश, वकील, बड़े पुलिस अधिकारी और नौकरशाह शामिल हैं।