कोट्टयम (केरल), 25 दिसंबर – केरल में क्रिसमस वाले दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री ओमन चांडी के गृहनगर कोट्टयम में 59 लोगों को धर्मातरण कर हिंदू बनाया गया, जबकि मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही कहा था कि उनके राज्य में किसी का जबरन धर्मातरण नहीं कराने दिया जाएगा। कोट्टयम जिले के पोंकुनम में 21 ईसाई परिवार के 42 लोगों ने एक मंदिर में हिंदू धर्म ग्रहण किया।
कोट्टयम के नजदीक ही एक कस्बे में 17 अन्य लोगों ने भी मंदिर में विधि विधान से हिंदू धर्म अपनाया।
विश्व हिदू परिषद (विहिप) की राज्य इकाई के महासचिव वी. मोहनन ने कहा कि गुरुवार को और पिछले सप्ताह जिन 35 लोगों ने हिंदू धर्म को अपनाया वह धर्मातरण नहीं था, बल्कि उनकी ‘घर वापसी’ हुई है।
मोहनन ने गुरुवार को कहा, “विहिप शुरू से केरल में सक्रिय है और अब तक सिर्फ घर वापसी हुई है, किसी का भी जबरन धर्मातरण नहीं किया गया है।”
चांडी ने बुधवार को कहा था कि केरल में कभी भी जबरन धर्मातरण नहीं हुआ और न होने दिया जाएगा। अगर कोई खुद धर्मातरण चाहता है तो उसे रोका भी नहीं जा सकता।
हिंदू ऐक्य वेदी के नेता भार्गव राम ने मीडिया को जबरन लोगों को हिंदू बनाए जाने का प्रमाण लाने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा, “हम मंदिर सार्वजनिक तौर पर लोगों को हिंदू धर्म ग्रहण करने में मदद करते हैं। आज जब धर्मातरण चल रहा था, मीडिया वहां मौजूद थी। हमने मीडिया वालों से कहा कि वे धर्मातरण के जरिए हिंदू धर्म अपनाने वालों से पूछें कि क्या वे किसी दबाव में थे?”
भार्गव राम ने कहा, “मैं प्रशासन को हमारे खिलाफ मामला दर्ज करने की चुनौती देता हूं।”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव पिनारायी विजयन ने इस प्रकरण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और चांडी के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया।
विजयन ने कहा, “जबरन धर्मातरण किया जा रहा है और पुलिस को मामला दर्ज करना होगा। चांडी का इसे जबरन धर्मातरण नहीं बताने वाला बयान संदेहास्पद है, क्योंकि आरएसएस और चांडी के बीच गुप्त समझौता हुआ है, इसीलिए मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है।”