तिरुवनंतपुरम, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। केरल में हिंदू समुदाय के लोगों ने गुरुवार तड़के पारंपरिक नववर्ष ‘विषु’ मनाया। राज्य में इस खास दिन पर मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
विषु सौभाग्य व अच्छी किस्मत के आगमन का प्रतीक माना जाता है और इस दिन केरल में सार्वजनिक अवकाश होता है।
सुबह में राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित सबरीमाला मंदिर, गुरुवयूर श्री कृष्णा मंदिर और पद्मनाभस्वामी जैसे मुख्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।
महिलाएं पारंपरिक कसुवु साड़ी(सुनहरी किनारी वाली सफेद साड़ी) और पुरुष धोती पहने नजर आए।
केरल की 3.34 करोड़ की आबादी में 1.82 करोड़ लोग हिंदू हैं।
विषु पर्व के अहम पहलुओं में से एक यह है कि घर के सभी लोग ‘विषुकनी’ रस्म निभाते हैं, जिसमें घर के लोग सुबह में सबसे पहले अपने पसंदीदा देवी-देवता के दर्शन करते हैं।
विषुकनी की तैयारी एक रात पहले चावल, अनाज, खीरा-ककड़ी, सीताफल, नारियल, आम, पान के पत्ते और धातु पोत जैसी पावन चीजों के साथ शुरू हो जाती है। इन सब चीजों को एक दर्पण के साथ पूजा घर में रखा जाता है।
जवां व बुजुर्ग उठने के बाद इन सबको देखते हैं। बड़े-बुजुर्ग बच्चों को पैसे देते हैं।