तिरुवनंतपुरम, 23 जनवरी (आईएएनएस)। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के लिए कल (गुरुवार) का दिन मुश्किलों भरा रहा। चांडी से गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने पूछा कि क्या वित्त मंत्री के.एम. मणि का भी वही हश्र होगा, जो जनवरी 2005 में पी.के. कुन्हलिकुट्टी का हुआ था।
अक्टूबर 2004 में ए.के. एंटनी के इस्तीफे के बाद ओमन चांडी पहली बार केरल के मुख्यमंत्री बने थे। उनके मुख्यमंत्री बनने के ठीक बाद मीडिया में आई अनैतिक आचरण की खबरों के बाद राज्य के तत्कालीन उद्योग मंत्री और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता कुन्हलिकुट्टी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
कुन्हलिकुट्टी के मामले के ठीक एक दशक बाद केरल के मौजूदा वित्तमंत्री के.एम. मणि पर तलवार लटकी हुई है। मणि 30 जनवरी को 82 वर्ष के हो जाएंगे।
मणि, केरल कांग्रेस (मणि) के प्रमुख हैं। विधायक के रूप में उनके नाम कई रिकॉर्ड अंकित हैं। वह 1965 के बाद से सभी चुनावों में जीतते आए हैं, इसीलिए वह देश के सबसे लंबे समय से सेवारत विधायक हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा (12) बार राज्य का बजट पेश किया है। वह सबसे लंबे समय तक मंत्री पद पर भी रहे हैं।
इतने साल में मणि ने मुख्यमंत्री पद के अलावा सभी पदों का जिम्मा संभाला है।
जो भी लोग उन्हें करीब से जानते हैं वे बताते हैं कि मणि अपने राजनीतिक करियर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही संन्यास लेना चाहते हैं।
अटकलें तो यह भी थीं कि मणि विपक्षी वामपंथी दलों के सहयोग से चांडी के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार गिरा सकते हैं, और शेष कार्यकाल के लिए स्वयं मुख्यमंत्री बन सकते हैं। मौजूदा सरकार का कार्यकाल अगले साल पूरा हो रहा है।
पिछले साल अक्टूबर माह के अंतिम दिन एक मयखाने के मालिक बीजू रमेश ने आरोप लगाया था कि राज्य में बंद हुए मयखाने फिर से खोलने के लिए मणि ने उनसे पांच करोड़ रुपये रिश्वत मांगी थी। इस रकम की पहली किश्त के तौर पर एक करोड़ रुपये मणि को दे दिए गए थे।
इसी बीच विपक्षी वामपंथी दल मणि के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी राज्य में अपनी पैठ बनाने का पहली बार मौका मिला है। इसीलिए पार्टी ने मंगलवार को मणि के इस्तीफे की मांग करते हुए राज्यव्यापी बंद की घोषणा की थी। केरल की 140 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा का अभी खाता खुलना बाकी है।
वामदलों ने भी चेतावनी दी है कि अगर मणि ने राज्य का 13वां बजट (13, मार्च) पेश किया, तो विधानसभा में हंगामा होगा।
राज्य के मुख्यमंत्री चांडी और कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष वी.एम. सुधीरन ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि विधानसभा में मणि वित्तमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे।