नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को प्रधानमंत्री का ‘एजेंट’ बताया। उधर राज्य विधानसभा में एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया, जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में ‘पुलिस की निष्क्रियता’ की जांच करेगी।
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें दिल्ली सरकार की प्रगति में ‘रुकावट’ पैदा करने वाले की संज्ञा दी और उनसे ‘अवरोधक’ वाला रवैया छोड़ने के लिए कहा।
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा, “दिल्ली विधानसभा का यह एक दिन का विशेष सत्र न बुलाना पड़ता, यदि दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित होती।”
केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली पुलिस में निचले स्तर के कर्मचारी एवं जवान अच्छा काम कर रहे हैं जबकि ऊंचे ओहदे पर बैठे भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के एजेंट बन गए हैं।” उनका इशारा दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी की तरफ था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीनों सांसदों द्वारा सदन का बहिष्कार किए जाने के बीच प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव पारित होने के साथ ही तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का रास्ता साफ हो गया, जो फरवरी, 2013 के बाद से महिलाओं के खिलाफ हुए हिंसा, यौन उत्पीड़न, पीछा किए जाने, घूरने जैसे अनसुने रह गए अपराधों के खिलाफ सुनवाई करेगा।