अगरतला, 6 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में न्यायतंत्र के बुनियादी ढांचे के विस्तार और उसे उन्नत बनाने के लिए 100 फीसदी कोष मुहैया कराएगी। त्रिपुरा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने रविवार को यह जानकारी दी।
त्रिपुरा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुभाशीष तलपात्रा ने न्यायिक अधिकारियों के सालाना सम्मेलन में कहा, “पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में न्यायतंत्र के बुनियादी ढांचे के विस्तार और उसे उन्नत बनाने के लिए केंद्र सरकार 100 फीसदी कोष मुहैया कराएगी। वित्तपोषण सांचे का आधार पहले केंद्र और राज्य के लिए क्रमश 90:10 था।”
उन्होंने कहा, “न्यायतंत्र तब तक अपने आदेश और फैसले का कार्यान्वन नहीं कर सकता, जब तक सरकार न्यायतंत्र की मदद नहीं करती।”
सुभाषीश ने कहा, “अधिकांश न्यायाधीश न्यायिक सक्रियता के पक्ष में हैं। हमारा मुख्य ध्यान फैसले की गुणवत्ता को बेहतर और आम जनता तक न्याय को सुलभ बनाने पर है।”
मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने एक दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन में न्यायिक अधिकारियों के अनुशासन और आचरण संहिता, शीघ्र निपटान और लंबित मामलों में कमी, किशोर न्याय को मजबूत करने, लोक अदालत, मध्यस्थता और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए त्रिपुरा उच्च न्यायालय प्रधान न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने कहा कि भारतीय न्यायतंत्र अब एक ऐसे चौराहे पर खड़ा है, जहां वह भीतर और बाहर चुनौतियों का सामना कर रहा है।
न्यायमूर्ति रस्तोगी ने पारिवारिक, व्यावसायिक और उपभोक्ता अदालतों के बड़ी संख्या में गठन पर जोर दिया, ताकि मामलों का निपटान जल्दी हो सके।