नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ‘असंवैधानिक व अवैध’ करार दिया, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के आदेश को मानने से इंकार कर दिया और कहा कि आयोग को काम करने से केवल न्यायालय ही रोक सकता है।
दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले उप राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार को गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, “राष्ट्रीय राजधानी की निर्वाचित सरकार न तो केंद्र सरकार है और न ही राज्य सरकार, इसलिए उसे इस तरह के जांच अयोग के गठन का कोई अधिकार नहीं है।”
उप राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार को लिखे पत्र को शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया, जिसके मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना असंवैधानिक व अवैध है, इसलिए इसका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है।
पत्र के मुताबिक, “मंत्रिपरिषद को इस बात से अवगत कराया जा सकता है और सभी पक्षों को गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुरूप कार्य करने की सलाह दी जाती है।”
वहीं, केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि केवल न्यायालय ही आयोग को काम करने से रोक सकता है।
उन्होंने ट्वीट किया कि कानून व संविधान के अनुसार ही दिल्ली सरकार द्वारा डीडीसीए जांच आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की राय से दिल्ली सरकार बंधी नहीं है।
केजरीवाल ने कहा, “आयोग काम करना जारी रखेगी। यदि उप राज्यपाल या प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को आपत्ति है, तो वे न्यायालय का रुख कर सकते हैं। केवल न्यायालय का आदेश ही आयोग को काम करने से रोक सकता है।”
जांच आयोग के अध्यक्ष पूर्व महाधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने डीडीसीए में कथित अनियमितता की जांच के लिए गोपाल सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में 21 दिसंबर को एक आयोग के गठन का फैसला किया था।
सुब्रह्मण्यम ने 28 दिसंबर को केजरीवाल को दिल्ली के क्रिकेट संघ मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था। बाद में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से जांच दल के गठन को लेकर अधिकारियों के लिए निवेदन किया था।