नई दिल्ली- सरकार ने बुधवार को बताया कि देश भर के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम संस्थानों में शिक्षकों के करीब 9,800 पद और गैर-शिक्षण श्रेणी में करीब 18,500 पद खाली हैं.
शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 6,229 पद खाली हैं जबकि गैर-शिक्षण श्रेणी में 13,782 पद खाली हैं.
उन्होंने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में शिक्षकों के 3,230 पद और गैर-शिक्षण वर्ग में 4,182 पद रिक्त हैं. इसके अलावा भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) में शिक्षकों के 403 पद रिक्त हैं.
मंत्री ने कहा कि पद रिक्त होना और उन्हें भरा जाना एक सतत प्रकिया है और संस्थान, समुचित प्रकिया का पालन करते हुए विज्ञापन प्रकाशित करते हैं.
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने समय-समय पर संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की रिक्तियों सहित विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए आरक्षण के प्रावधानों का पालन करें.
शिक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन सभी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने संस्थानों में रिक्त पदों, खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रिक्त पदों को विशेष अभियान चलाकर और मिशन मोड में, पांच सितंबर, 2021 से चार सितंबर, 2022 तक एक साल की अवधि के भीतर भरें.
मालूम हो कि बीते अगस्त में केंद्र सरकार ने बताया था कि देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान तथा भारतीय विज्ञान संस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग में कुल 8,773 आरक्षित श्रेणी के पद रिक्त हैं.
देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति श्रेणी में 2,608 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 1,344 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 4,821 पद रिक्त थे.