अमृतसर.-कृषि बिल के खिलाफ देशभर के किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. पंजाब-हरियाणा में भी किसान पिछले कई दिनों से कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. कृषि विधेयक के विरोध में शनिवार को किसान मजदूर संघर्ष समिति का पंजाब के अमृतसर में ‘रेल रोको’ आंदोलन जारी है. समिति ने बिल के विरोध में 24 से 26 सितंबर तक ‘रेल रोको’ आंदोलन चलाया है.
रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शुक्रवार को कई ट्रेनों का रद्द कर दिया था. आज आंदोलन का अंतिम दिन है. प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर टेंट लगाकर बैठे हुए हैं. इससे पहले, शुक्रवार को देशभर के किसानों ने कृषि विधेयक के विरोध में ‘भारत बंद’ बुलाया. इस दौरान, किसानों ने विभिन्न जगहों पर चक्का जाम किया गया. कई राजनीतिक दल भी विधेयक को ‘किसान-विरोधी’ करार देते हुए किसानों के समर्थन में आ खड़े हुए हैं. वहीं अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान रेलवे ट्रैकों पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक तीनों विधेयक वापस नहीं लिए जाते, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
उधर, किसान संगठनों ने पूर्व में घोषित ‘रेल-रोको’ प्रदर्शन को तीन दिन और बढ़ाने का ऐलान किया है. ‘रेल-रोको’ आंदोलन की शुरुआत 24 सितंबर से हुई थी, जो 26 सितंबर (आज) तक चलना है. लेकिन अब आंदोलन को 29 सितंबर तक बढाया गया है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि केंद्र के कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा.’रेल रोको’ आंदोलन के चलते उत्तर रेलवे ने तीन ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द कर दिया है और 20 विशेष ट्रेनें आशिंक रूप से रद्द की गई हैं.
रद्द की गई ट्रेनों में हरिद्वार-अमृतसर जन शताब्दी एक्सप्रेस, नई दिल्ली-जम्मू तवी राजधानी एक्सप्रेस, अमृतसर-हरिद्वार जन शताब्दी एक्सप्रेस शामिल हैं. तीन ट्रेनों को रद्द करने के अलावा नॉर्दर्न रेलवे ने 20 स्पेशल ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया है, जिनमें मुंबई सेंट्रल-अमृतसर स्वर्ण मंदिर एक्सप्रेस अंबाला कैंट तक, न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर करम भूमि एक्सप्रेस अंबाला कैंट तक, बांद्रा टर्मिनस-अमृतसर एक्सप्रेस अंबाला कैंट तक शामिल हैं. जबकि नांदेड़-अमृतसर को नई दिल्ली तक आंशिक रूप से रद्द किया गया है, जय नगर-अमृतसर सरयू यमुना एक्सप्रेस को अंबाला कैंट तक रद्द किया गया है और इसके अलावा भी सूची में कई ट्रेनें शामिल हैं.इन बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने शुक्रवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था, जिसका थोड़ा बहुत असर पंजाब और हरियाणा में ही देखने को मिला.
पूरे पंजाब में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सब्जी और अनाज मंडियां बंद रहीं और किसानों के संगठनों ने अपनी मांगों के प्रति इसे ‘अभूतपूर्व’ समर्थन करार दिया. इस बीच, पंजाब के मुकाबले पड़ोसी हरियाणा में ‘भारत बंद’ का मिलाजुला असर देखने को मिला.बता दें कि संसद ने कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को इसी सप्ताह पारित किया. बता दें कि इन विधेयकों को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है.