नई दिल्ली -अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि कुलगाम में सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद फैली दहशत के बीच 100 से अधिक हिंदू परिवार कश्मीर से चले गए हैं.
उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक हिंदू कश्मीरी पंडित कॉलोनी के अध्यक्ष अवतार कृष्ण भट ने कहा कि मंगलवार से इलाके में रहने वाले 300 परिवारों में से लगभग आधे चले गए.
निवासियों ने बताया कि पुलिस ने श्रीनगर में एक हिंदू क्षेत्र को सील कर दिया है और कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों के रहने वाली जगहों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है.कश्मीर घाटी में इस साल जनवरी से अब तक पुलिस अधिकारियों, शिक्षकों और सरपंचों सहित कम से कम 16 हत्याएं (targeted killings) हुई हैं.
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अल्पसंख्यकों, नागरिकों और सरकार में लोगों को निशाना बनाने वाले “केवल डर फैला रहे हैं, क्योंकि स्थानीय निवासियों ने उनके फरमानों पर प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया.’
उन्होंने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों और समाज के विभिन्न वर्गों के सदस्यों पर हमला करके ‘आतंकवादी अपनी मौजूदगी का एहसास कराना चाहते हैं.’
स्थानीयों को निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं की घटनाएं फिर से तब बढ़ीं, जब फरवरी 2021 में श्रीनगर में कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे को उनके रेस्तरां के अंदर गोली मार दी गई. गोली लगने से दो दिन बाद उनकी अस्पताल में मौत हो गई थी.
इसके बाद 5 अक्टूबर 2021 को चर्चित केमिस्ट एमएल बिंद्रू की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई, जिससे राजनीतिक नेतृत्व और नागरिक समाज में आक्रोश फैल गया.
इसके दो दिन बाद गवर्नमेंट बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और स्कूल के शिक्षक दीपक चंद की हत्या हुई थी.
पिछले साल घाटी में 182 आतंकवादी और कम से कम 35 नागरिक मारे गए थे.
अक्टूबर 2021 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद से घाटी की अपनी पहली यात्रा पर गृह मंत्री अमित शाह नौगाम में पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के घर पहुंचे थे, जिनकी उसी साल 22 जून को नमाज़ से लौटते समय उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस साल की शुरुआत से अब तक तीन सरपंचों समेत पंचायत सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
4 अप्रैल को कश्मीरी पंडित समुदाय से आने वाले बाल कृष्ण की चौतीगाम शोपियां में उनके घर के पास संदिग्ध आतंकियों ने हत्या कर दी थी.
कम से कम तीन मामलों में जम्मू कश्मीर के बाहर के मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया गया.
हाल ही में 12 मई को जम्मू कश्मीर के राजस्व विभाग के एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट, जो पीएम पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे थे, को चदूरा, बडगाम में उनके कार्यालय के अंदर गोली मार दी गई थी, जिसका समुदाय के लोगों ने व्यापक विरोध किया था.
25 मई को एक कश्मीरी टीवी अभिनेता को उनके घर के अंदर कई बार गोली मारी गई थी. इस हफ्ते मंगलवार को सांबा की एक शिक्षिका रजनी बाला कुलगाम में आतंकियों का शिकार बनीं.
इसके बाद गुरुवार को कुलगाम के इलाकाई देहाती बैंक के कर्मचारी विजय कुमार को आतंकियों ने गोली मारी और इसी शाम बडगाम में दो प्रवासी मजदूर आतंकियों की गोली का निशाना बने.