नई दिल्ली, 19 अगस्त – केंद्र सरकार ने गन्ने का लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल कर किसानों को सौगात दी है। यह मूल्य आगामी गन्ना पेराई सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए लागू होगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को गन्ने के लाभकारी मूल्य में वृद्धि को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश के एक करोड़ गन्ना उत्पादक किसान लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा एक करोड़ गन्ना किसानों के लिए सरकार ने गन्ने का लाभकारी मूल्य बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल यानी 2,850 रुपये प्रति टन कर दिया है। गन्ने का यह मूल्य रिकवरी रेट 10 फीसदी के आधार पर तय किया गया है, जबकि इससे एक फीसदी ज्यादा यानी 11 फीसदी रिकवरी रेट होने पर किसानों को 28.50 रुपये प्रतिक्विंट की दर से अतिरिक्त मूल्य मिलेगा।
जावड़ेकर ने बताया कि अगर रिकवरी रेट 9.5 फीसदी या उससे कम रहा तो भी किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य 270.75 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा।
गन्ना सीजन 2020-21 के लिए एफआरपी 10 फीसदी की रिकवरी के आधार पर 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। रिकवरी में 10 फीसदी से अधिक प्रत्येक 0.1 फीसदी की वृद्धि के लिए प्रति क्विंटल 2.85 रुपये का प्रीमियम प्रदान करने और प्रत्येक रिकवरी में 0.1 फीसदी की कमी पर एफआरपी में 2.85 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कमी करने का प्रावधान किया गया है। यह व्यवस्था उन चीनी मिलों के लिए है जिनकी रिकवरी 10 फीसदी से कम लेकिन 9.5 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि जिन चीनी मिलों की रिकवरी 9.5 फीसदी या उससे कम है उनके लिए एफआरपी 270.75 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
गन्ने का एफआरपी गन्ना (नियंत्रण) आदेश,1966 के तहत निर्धारित होता है। इसे देशभर में समान रूप से लागू किया गया है।
कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य विभाग की ओर से पेश प्रस्ताव पर सीसीईए ने गन्ने के लाभकारी मूल्य में बढ़ोतरी का फैसला लिया।