चेन्नई, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। कावेरी जल पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद द्रमुक मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार से पूछा कि वह आगे क्या कदम उठाने जा रही है?
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में कावेरी नदी से 15 हजार क्यूसेक पानी अगले 10 दिनों तक हर रोज तमिलनाडु के लिए छोड़ने का निर्देश कर्नाटक को दिया है।
यहां जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि क्या तमिलनाडु सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाएगी और एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जाएगी।
द्रमुक नेता ने कहा कि अगले 10 दिन तमिलनाडु को 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाना तो उनके राज्य की फसलों के लिए अपर्याप्त है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाने को लेकर मीडिया में आए बयान के बाद करुणानिधि का यह बयान सामने आया है।
पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद कथित रूप से पानी नहीं छोड़ने को लेकर कर्नाटक सरकार की आलोचना की है और कहा है कि सिद्धारमैया टाल-मटोल कर रहे हैं।
रामदास ने कहा कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी नियामक प्राधिकरण का गठन इस समस्या का स्थाई हल था।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से कर्नाटक में रह रहे तमिलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।