शिमला, 11 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कल्याण सिंह ने बुधवार को देश की पहली कागज रहित ‘ई-विधानसभा’ के सफल क्रियान्वन पर राज्य की सराहना की और कहा कि इससे सालाना तकरीबन 15 करोड़ रुपये की बचत होगी।
विधानसभा सत्र के पहले दिन अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा, “मुझे सदस्यों को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि विधानसभा में सदन और अन्य समितियों के कागज रहित कामकाज सुनिश्चित करने के लिए ‘ई-विधानसभा’ प्रणाली ने चार अगस्त 2014 से काम करना शुरू कर दिया है। इससे पर्यावरण संरक्षण के अलावा हर साल तकरीबन 15 करोड़ रुपये की बचत होगी।”
‘ई-विधानसभा’ प्रणाली में 8.12 करोड़ रुपये की लागत आई थी और इसने पिछले मानसून सत्र में काम करना शुरू कर दिया था। इसे केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वित्तपोषित किया था।
राज्यपाल का संबोधन 35 पन्नों का था, जिसमें से उन्होंने केवल पहले के दो अनुच्छेद और आखिरी के दो अनुच्छेदों को पढ़ा। अपने तीन मिनट से भी कम समय के संबोधन में उन्होंने कहा, “हमारे लोगों के लिए खुशी और समृद्धि प्राप्त करने के प्रयास में हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है। हम बहुत कुछ प्राप्त कर चुके हैं, फिर भी हमें कई कीर्तिमान प्राप्त करने हैं।”
पहाड़ों का प्राचीन वातावरण बचाने के लिए कल्याण सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर राज्य की कार्य योजना को अनुकूलन और राहत रणनीतियों के हिस्से के रूप में अंतिम रूप दे दिया गया है। राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति ने भी इसे मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा, “राज्य को विश्व बैंक से 10 करोड़ डॉलर का विकास नीति कर्ज मिला है। यह कर्ज हरित विकास की दिशा में स्थांतरण और सतत विकास के लिए मिला है।”
उन्होंने कहा, “2014-15 के दौरान 10 करोड़ रुपये की लागत से 45 लाख औषधीय पौधे लगाए गए।”
राज्यपाल ने कहा कि राज्य की अनुमानित पनबिजली उत्पादन क्षमता 27,436 मेगावाट है जिसमें से अभी तक 9,432 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो पाया है। साथ ही कहा कि राज्य की बांध सुरक्षा इकाई ने सुरक्षा पहलुओं की निगरानी पर काम करना शुरू कर दिया है।
भ्रष्टाचार से निपटने के लिए उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधी पर निगरानी के लिए नेटवर्क और प्रणाली परियोजना कार्यान्वित की जा रही है और सभी पुलिस थानों को इंटरनेट के द्वारा एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। शिमला के पांच पुलिस थानों में इस प्रणाली ने काम करना शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र एक माह तक चलेगा। 22 बैठकों वाला यह सत्र 10 अप्रैल को समाप्त होगा।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 18 मार्च को बजट पेश करेंगे।
वह 1983 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, तब से लेकर अभी तक यह उनका 18वां बजट होगा।