नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस और देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच टकराव में कमी के कोई आसार नहीं नजर आ रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ‘माहिर नटकिया’ करार दिया, तो राहुल गांधी ने जानना चाहा कि भगोड़े ललित मोदी की मदद के एवज में सुषमा को कितना ‘धन’ प्राप्त हुआ था।
भाजपा ने सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि लिखित भाषण पढ़ने वाली सोनिया को अगर लिखा हुआ न मिले तो वह भाषण भी न दे पाएं।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा 25 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं सोनिया ने सुषमा द्वारा गुरुवार को की गई टिप्पणी पर करारा कटाक्ष किया।
सोनिया ने सुषमा के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “सुषमा स्वराज नाटक करने में माहिर हैं।”
सुषमा ने गुरुवार को लोकसभा में कहा था कि उन्होंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से सिफारिश नहीं की थी। उन्होंने इस संबंध में स्वयं पर लगे आरोपों को ‘गलत और बेबुनियाद’ बताया था।
सुषमा ने बाद में कहा था, “मैंने ललित मोदी की नहीं, कैंसर से पीड़ित उनकी पत्नी की मदद की थी। मेरी जगह अगर सोनिया रहतीं तो क्या करतीं?”
शुक्रवार को राहुल ने कहा, “मेरी मां ने वैसा कुछ नहीं किया होता, जैसा सुषमा स्वराज ने किया। यह मामला दो देशों के बीच का है, अकेले सुषमा कैसे मदद करने का फैसला ले सकती हैं।”
उन्होंने सुषमा से सवाल किया कि ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज जारी कराने के बदले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के परिवार ने ललित मोदी से कितने रुपये प्राप्त किए थे?
राहुल ने कहा, “सुषमाजी ने एक चतुराईभरा लेकिन बहुत खोखला भाषण दिया। उन्होंने कहा कि सोनियाजी होतीं तो वह भी यही करतीं। उनका पुत्र होने के नाते मैं कह सकता हूं कि सोनियाजी ललित मोदी की मदद कतई नहीं करतीं।”
राहुल ने कहा, “जब भी कोई चोरी होती है, तो चोर पूरी गोपनीयता बरतता है। इस मामले में सुषमा ने पूरी गोपनीयता बरती। मंत्रालय में सुषमा के अलावा दूसरा कोई इस फैसले के बारे में नहीं जानता था, विदेश सचिव सुजाता तक से छुपाया गया।”
उन्होंने संसद के बाहर कहा, “जब भी लूट-खसोट या चोरी होती है, आर्थिक हस्तांतरण होता है। यहां भी आर्थिक हस्तांतरण हुआ है। सुषमा के परिवार ने ललित मोदी से धन हासिल किया है। उन्हें देश को बताना चाहिए कि ललित मोदी ने खुद को जेल से बाहर रखने के लिए उनके परिवार को कितने रुपये दिए।”
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा 25 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का शुक्रवार को चौथा दिन था।
सोनिया और राहुल ने विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भागीदारी निभाई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को फिर नारेबाजी की और ललित मोदी तथा व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मुद्दे पर प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ने की मांग की।
सोनिया द्वारा सुषमा की निंदा किए जाने के बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार किया।
केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा, “वे लोग जो संसद में नहीं आ सकते, संसद में बोल नहीं सकते, वे संसद के बाहर ऐसा ही करेंगे। कुछ लोग जानते हैं कि कैसे संसद में बात रखी जाती है। सुषमा जी और सोनिया गांधी में यही अंतर है।”
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “सुषमा जी का भाषण उनके खिलाफ सबूत पेश करने के लिए विपक्ष के सामने चुनौती है। सुषमा जी के लिए भाषण देना बेहद आसान काम है, लेकिन बिना पढ़े सोनिया जी के लिए भाषण देना आसान नहीं है।”
कांग्रेस सांसदों के निलंबन को निरस्त करने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) तथा वाम सदस्यों के बहिर्गमन करने के बाद सिर्फ सत्तापक्ष के साथ लोकसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से चली। वहीं राज्यसभा में लगातार तीसरे सप्ताह भी कार्यावाही बाधित रही।
ललित मोदी प्रकरण व व्यापमं मुद्दे पर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच गरमागरम बहस के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार देश को विकास के पथ पर अग्रसर करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस उसे विध्वंस की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है।
इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने लोकसभा में कहा कि अगर कांग्रेस सांसद लोकसभा अध्यक्ष से मिलें और सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देने का उनसे वादा करें, तो सरकार सांसदों का निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव पेश करने को लिए तैयार है।