(खुसुर-फुसुर)– भोपाल में हुए एक बेहद खर्चीले और फ्लॉप कार्यक्रम जो मप्र शासन के अधिकारीयों के द्वारा करवाया गया था और मप्र के मुख्यमंत्री की छवि जनता में अच्छी बनाने का एक प्रयास था.लेकिन कार्यक्रम की तासीर के विरुद्ध शासन से फायदा उठाने वाले तत्वों का इस पर कब्ज़ा हो गया और जैसा होता है कार्यक्रम की टांय-टांय फिस्स हो गयी.इस कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री के विरोधी और शिकार एक स्वयंभू नेता जी ने अपने घर में व्यंगोक्ति की ,”शिवराज ने जमूरों को इस कार्यक्रम में एकत्रित कर लिया था.”
अब नेताजी वैसे ही ग़मगीन हैं और अपनी तेजी के लिए कुख्यात.परिवार में मंगलकार्य की तैयारी में व्यस्त अपने विरोधियों को भी नहीं भूलते.हाँ कभी पत्रकारों के हितैषी ये महाशय बुदबुदाए,किसी को पत्रकार को न्योता नहीं दूंगा जो आये अपनी मर्जी से आये.हाथी के दांत दिखाने और खाने के अलग होते हैं.